घडसाना के गांव पतरोड़ा समीप सूर्यग्रहण देखने पहुंचे खगोल शास्त्री व ग्रामीण

खाजूवाला, भारत पाक सीमा के पास गांव पतरोड़ा में रविवार को सूर्यग्रहण देखने हेतु सकड़ो लोंग पहुंचे। वहीं ग्रामिणों के अलावा क्षेत्र के जनप्रतिनिधी एंव देश भर से खगोल शास्त्री भी इस नजारे को देखने पहुंचे। रिंग ऑफ फायर सूर्यग्रहण देखने के लिए आए लोंगो ने दिन में तारामंडल देख कर अचम्भा जताया। पतरोड़ा में खंडग्रास सूर्यग्रहण लगभग ९९ प्रतिशत भाग रिंग ऑफ का दिखाई दिया। रिंग ऑफ फयर को देखने के लिए देश के विभिन्न संस्थाओं के खगोलिय वैज्ञानिक टीम ने पतरोड़ा गांव के बाहरी भाग एक खेत में डेरा डाल लिया।

खगोल वैज्ञानिकों ने अत्याधुनिक उपकरणों से सूर्यग्रहण का अद्भुत दृश्य को रिकार्ड में लिया।बीकानेर-घड़साना मार्ग स्थित पतरोड़ा गांव में सुबह से सूर्यग्रहण देखने वाले लोंगो का मेला लग गया। रविवार सुबह सवा दस बजे सूर्यग्रहण शुरू हुआ। इसके साथ ही खेत में पर रिसर्च सेंटरों से आए शोधकर्ता ने टेलिस्कोप व विभिन्न उपकरणों से आकाशीय गतिविधियों को कैद करना शुरू किया। कंकणाकृति सूर्यग्रहण 2031 को दक्षिण भारत में दिखाई देगा। उसमें भी पूरा सूर्य नहीं ढ़केगा।यहां सूर्यग्रहण के दौरान रिंग ऑफ फायर सुबह 11.52 बजे से 11.53 बजे के मध्य करीब 37 सैकिण्ड तक रहा।

वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्यग्रहण से एक खगोलीय घटनाक्रम है। इससे खाने पीने पर कोई असर नहीं रहता। जयपुर तथा दिल्ली से आए खगोल विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने सूर्यग्रहण शुरु होने से लेकर पूरी तरह समाप्त होने तक आकाशीय घटनाक्रम को देखा। सूर्यग्रहण सुबह 10.15से दोपहर 1.50 बजे तक रहा। जनप्रतिनिधियों ने भी देखा नजारा-अनूपगढ विधायक संतोष बावरी,रायसिंहनगर विधायक बलबीर लूथरा,सरपंच संदीप ढिल्लों, राहत समूह के विजयसिंह मीणा, थानाधिकारी पुष्पेन्द्र, घड़साना सीआई विजेन्द्र सीला, बावरी समाज प्रदेश उपाध्यक्ष छोटूराम बावरी, भाजपा नेता प्रभूदयाल बावरी सहित अन्य प्रमुख नागरिकों ने सूर्यग्रहण का ऐतिहासिक खगोलिय घटनाक्रम देखा। टेलिस्कोप व विभिन्न उपकरणों से रिंग ऑफ फायर का नजारा देखा। सूर्यग्रहण के बाद नागरिकों ने खूब दान पुण्य किया। इस दौरान गायों को हराचारा, गुड़ आदि खिलाया। जरूरतमंद लोंगो को गेहूं, चना, तेल, दलिया आदि को जरुरतमंदों को खाद्य सामग्री,वस्त्र आदि दान किया।