महाजन, उर्मूल सेतु संस्थान के संकुल राजासर भाटियान में समूह सदस्यों का दो दिवसीय उन कताई और बुनाई प्रशिक्षण का समापन किया गया। इस प्रशिक्षण में 3 गांव से 71 समूह सदस्यों ने भाग लिया। जिसमें कार्यक्रम समन्वयक शिवलाल कुलड़िया ने बताया कि सदस्यों को उन कताई व बुनाई कार्य को स्वरोजगार के रूप में अपनाते हुए स्वयंवर परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करना है तथा ऊन परियोजना को प्रभावी संचालन के लिए सभी की सहभागिता अनिवार्य है। इसी के साथ दक्ष प्रशिक्षक किसनाराम कड़वा ने महिलाओं को उनकी गुणवत्ता तथा कताई के तीन प्रकारों पर सभी महिलाओं की समझ बनाई गई। साथ ही इस ऊन परियोजना के माध्यम से तीनों गांव की महिलाओं को उन कताई व बुनाई से जोड़कर आरती की स्थिति को मजबूती देना तथा परंपरागत स्वरोजगार को जीवित करना है और इन तीनो गांवों की ऊन बीकानेर जिले की प्रसिद्ध है। इसी के साथ कार्यकर्ता मुन्नी राम जयपाल ने बताया कि उन का उत्पादन हम स्वयं करते हैं, तो इसी उत्पाद को आगे बढ़ाने के लिए हम स्वयं उन की खरीद कर कच्चा माल तैयार कर तने व बुनाई करने का कार्य स्वयं कर परिवार की आर्थिक स्थिति को बढ़ावा देने में सहभागी बन सकते हैं। इसी के साथ सभी महिलाओं को हाथ चरखे वितरण उन कताई हेतु किए गए। इसी के साथ संस्थान कार्यकर्ता महावीर सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए की यह कार्य आप सभी के सहयोग से संचालित होगा।