राजस्थान में कौन था वीरधाराम सियोल, जिसके अंतिम संस्कार में उमड़ गया पूरा बाड़मेर
R.खबर ब्यूरो। राजस्थान के बाड़मेर जिले में करीब 15 वर्ष पहले अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के धंधे में कदम रखने वाले एक किसान के बेटे ने अपने परिवार और खुद के लिए खूब कमाया और इस अवैध काम में कानून भी बखूबी अपना फर्ज निभाकर कई कार्यवाहियां करता रहा। लेकिन इस किसान पुत्र को समझ में आया कि यह रास्ता गलत है और मुझे समाज की मुख्य धारा में आना है। तब एकसाथ राज और राम इस तरीके से रूठे कि सुनकर आज हर कोई हैरान है।
लग्जरी गाड़ियां, करोड़ों का बंगलो, ऐश मोज की जिंदगी और बेहतरीन पर्सनैलिटी का जो यह शख्स दिख रहा है। यह पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले के छोटे से गांव गालाबेरी का विरधाराम सियोल है। जानकारी के अनुसार आज से करीब 15 वर्ष पहले स्टूडेंट लाइफ में किसी गलत संगत में पड़कर अवैध मादक पदार्थों की तस्करी की दलदल में ऐसा फंसा की फिर उसे आंव दिखा ना तावं। देखते ही देखते कुछ वर्षों में विरधाराम सियोल ने वह सब कुछ हासिल कर दिया जो इस उम्र में हर इंसान सपने देखता है इस दरमियान विरधाराम पर कानून का शिकंजा भी कसता रहा। पुलिस और प्रशासन ने कई मुकदमे दर्ज किया अवैध मादक पदार्थों की तस्करी मारपीट चोरी जैसे करीब 10 से अधिक मुकदमे विरधा राम सियोल पर दर्ज हो गए और इसी ऐशो आराम में जीने वाले विरधा राम को जब यह समझ आया कि मैं यह गलत काम कर रहा हूं तो खुद को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए सारे गलत काम बंद कर दिए। वह लगातार नई पीढ़ी के युवाओं को भी नसीहत भी देते रहे इस काम में पैसे तो कमा लोगे लेकिन उन पैसों से कितनी बददुआएं मिलेगी कितने परिवार बर्बाद होंगे इसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते और इसके अलावा कानून भी आपको कभी नहीं माफ करेगा। पिछले कुछ वर्षों से विरधाराम ने सारे गलत काम बंद कर एक भामाशाह के तौर पर अपने क्षेत्र में तमाम वो कार्य करवाए जिससे समाज का उत्थान हो खुद के लिए कंस्ट्रक्शन का नया कार्य शुरू किया और अलग-अलग रूट के लिए लग्जरी बसें भी लगवाई और जब दो दिन पहले घर में पितरों की पूजा के लिए हवन चल रहा था। इस दौरान बाड़मेर पुलिस के आला अधिकारी RAC बल के साथ अचानक से विरधाराम के घर आ धमका और एनडीपीएस की धारा 68F/2 के तहत 2 करोड़ का बंगलो तीन लग्जरी बसें हैं और एक क्रेटा गाड़ी को सीज कर दिया।
विरधाराम की दर्दनाक मौतः
जानकारी के अनुसार जिस शख्स की पूरे दिन चर्चा हुई कि तस्कर विरधाराम के घर पुलिस ने कार्यवाही कर उसके बंगलो और गाड़ियों को सीज किया है। अगले ही कुछ घंटे में विरधाराम की एक ऐसी खबर आती है कि हर कोई स्तब्ध रह जाता है। दरअसल इस कार्यवाही के बाद विरधाराम अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी लेकर कुंभ मेले के लिए दोस्तों के साथ रवाना हुआ और जब जयपुर पहुंचा तो अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी को खड़ी कर एक दोस्त से स्विफ्ट कार मांगी और कार अलसुबह जब आगरा हाईवे पर पहुंची तो अचानक से दुर्घटनाग्रस्त हो गई और विरधाराम की दर्दनाक मौके पर ही मौत हो गई। पूरे क्षेत्र और सोशल मीडिया पर मातम सा छा गया कि जो विरधाराम इतनी गलतियां करने के बावजूद समाज की मुख्य धारा में आने के लिए तैयार हुआ था लेकिन अचानक से उससे राम और राज दोनों एक साथ रूठ गए और जब विरधाराम का शव बुधवार को उसके पैतृक गांव लाया गया तो मानो किसी बहुत बड़े व्यक्ति का जनाजा सा लगा। क्योंकि विरधाराम के घर और खेत में पैर रखने की जगह नहीं थी उसके अंतिम दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में लोग वहां पर पहुंचे इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विरधाराम ने तस्करी बंद करके समाज सेवा और अपना व्यापार शुरू किया तो सिर्फ पैसे ही नहीं बल्कि लोगों का प्यार भी कमाया था।