8.50 लाख की संदिग्ध राशि के साथ पकड़े गए चीफ मैनेजर की मुश्किलें बढ़ीं

8.50 लाख की संदिग्ध राशि के साथ पकड़े गए चीफ मैनेजर की मुश्किलें बढ़ीं

हनुमानगढ़। केंद्रीय सहकारी बैंक के चीफ मैनेजर से जब्त 8.50 लाख रुपए के प्रकरण में अधिकारियों की पूछताछ शनिवार को भी जारी रही। एसीबी चीफ मैनेजर से गहन पूछताछ कर रही है। बता दें कि अधिकारियों द्वारा अब चीफ मैनेजर से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि यह राशि कहां से लाई गई थी और किस-किस अधिकारियों को देना था। इसके सारे रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि एसीबी टीम चीफ मैनेजर की संपत्ति की भी जांच कर रही है। विदित रहे कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार देर रात को कोहला टोल नाका के पास कार्रवाई करते हुए एक कार में सवार हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक लि. के चीफ मैनेजर संजय शर्मा से 8.50 लाख रुपए की संदिग्ध राशि जब्त की थी। ब्यूरो सूत्रों के अनुसार गोपनीय सूचना मिली थी कि केंद्रीय सहकारी बैंक का चीफ मैनेजर संजय शर्मा जंक्शन मेगा हाइवे पर अपनी कार में विभिन्न ब्रांचों से अवैध वसूली कर लाखों रुपए नकदी लेकर हनुमानगढ़ की तरफ आ रहा है। संदिग्ध राशि के बारे में प्रारंभिक पूछताछ में चीफ मैनेजर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया था। इसके बाद एसीबी ने उक्त राशि को जब्त करके जांच शुरू की है। केंद्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़ के मुख्य प्रबंधक संजय शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सीएम को भी पत्र लिखा गया है। 10 जनवरी को ही एसीबी ने मुख्य प्रबंध को संदिग्ध राशि के साथ पकड़ा और इसी दिन टिब्बी निवासी राजाराम चाहर पुत्र भागीरथ चाहर ने मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर संजय शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। सीएम को भेजे गए पत्र में लिखा गया था कि हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक में कार्यकर्ता संजय कुमार द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गबन एवं संबंधित व्यवस्थापकों की झूठी शिकायतें करवाई जाती है। इसके बाद डरा-धमकाकर राशि वसूल की जाती है। किसानों का फसली बीमा का क्लेम उठाने के भी आरोप लगाए थे: सीएम को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि संजय कुमार द्वारा वर्ष 2011 में शाखा हनुमानगढ़ टाउन में प्रबंधक के पद पर रहते हुए फतेहगढ़ ग्राम सेवा सहकारी समिति एवं मैनावाली ग्राम सेवा सहकारी समिति के किसानों का फसली बीमा का क्लेम किसानों के खातों में जमा न करवाकर स्वयं उठा लिया था। इन समितियों से फर्जी लोन उठाकर स्वयं भुगतान ले लिया गया।