खाजूवाला, सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला में वन माफियाओं का आतंक दिनो दिन बढ़ता जा रहा है यह वन माफिया रात के अंधेरे में धड़ल्ले से वन विभाग व पुलिस को चकमा देकर लकड़ियों का अवैध रूप से परिवहन करते हैं जिसके चलते विभाग को राजस्व का नुकसान हो रहा है वहीं पर्यावरण को भी नुकसान कर रहे हैं। इन दिनों वन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि वन इन्हें किसी काम है मानो है ही नहीं। वन माफिया धङल्ले से हरे पेड़ों को काटकर परिवहन करते आए दिन देखे जा सकते हैं। न तो इनको वन अधिकारियों की चिंता है तो न किसी प्रशासनिक अधिकारी का डर। वन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि हर रोज सेकड़ो क्विंटल हरे पेड़ों को काटकर धङल्ले से परिवहन करते हैं देखे जा सकते हैं।
सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला में लगातार हरे पेड़ों की कटाई व धङल्ले से हो रहे परिवहन को लेकर पर्यावरण प्रेमियों में रोष बढ़ता जा रहा है। पर्यावरण प्रेमियों ने पेड़ों की धड़ल्ले से हो रही कटाई को लेकर चिंता जताई है और वन माफियाओं पर अंकुश लगाने की मांग रखी। ऐसे में यदि इसी तरह से वन माफिया हावी होते रहे और लगातार हरे पेड़ों को काटकर वन संपत्ति को नुकसान पहुंचाते रहे तो आने वाले समय में पर्यावरण को काफी नुकसान होगा। ऐसे में समय रहते वन अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों को ऐसे वन माफियाओं पर अंकुश लगाना चाहिए। ताकि पर्यावरण को संतुलित बनाया रखा जा सके।
वन विभाग भी समय-समय पर कार्रवाई तो करता है लेकिन यह कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरे समान साबित हो रही है। वन विभाग द्वारा हरे पेड़ों की कटाई की सूचना पर उस पर कार्रवाई तो होती है, लेकिन मात्र चालान के अलावा प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के कारण इन वन माफियाओं का हौंसला दिनों दिन बुलंद होते जा रहे हैं। अब तो समय ऐसा हो गया है कि ये वन माफिया वन विभाग की आंखों में धूल झोंक कर भी लकड़ियों का अवैध रूप से परिवहन करते देखे जा सकते हैं, यह धड़ल्ले से मुख्य चौराहों व मुख्य सड़क से होते हुए गुजरते हैं। जैसे मानो की इन्हें किसी का भी भय नहीं है या फिर यह किसी बहुत बड़ी सेटिंग से होकर गुजरते हैं।
धड़ल्ले से कट रहे है पेड़, कार्रवाई के नाम पर मात्र खानापूर्तियां
