फांसी की सजा से बचने के लिए यह नई रणनीति


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नई दिल्ली, निर्भया के दोषी अक्षय का फांसी से बचने का यह नया पैंतरा है। दरअसल, निर्भया के दोषियों को तीन मार्च सुबह 6 बजे फांसी देने का डेथ वारंट जारी किया जा चुका है। पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने नया डेथ वारंट जारी किए जाने की मांग वाली याचिका पर यह आदेश दिया था।
गैंगरेप और हत्या के दोषी अक्षय ने फांसी से ठीक 3 दिन पहले एक बार फिर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गुहार लगाई। दोषी अक्षय ने राष्ट्रपति के पास फिर से दया याचिका लगाई। इससे पहले एक बार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद निर्भया के दोषी अक्षय की दया याचिका खारिज कर चुके हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अब दोषी अक्षय ने नई दया याचिका लगाई है। जिसमें उसने दावा किया कि पहले दायर की गई दया याचिका में सभी तथ्य नहीं थे।
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में निर्भया के साथ गैंगरेप किया गया था. साथ ही उसकी जमकर पिटाई की गई थी। निर्भया की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में दिल्ली की निचली अदालत ने मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को दोषी ठहराया था, और फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने इन चारों की फांसी की पुष्टि कर दी थी। इसके बाद दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील लगाई थी। शीर्ष कोर्ट ने भी सभी दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा था।
फांसी की तारीख नजदीक आते ही दोषियों का इस तरह अपने कानूनी विकल्पों को इस्तेमाल करना फांसी में देरी करने की एक तरकीब है। दोषियों के वकील कानून के इन्हीं प्रावधानों का इस्तेमाल कर अब तक दो बार फांसी टलवा चुके हैं।
पहली बार दोषियों को फांसी 22 जनवरी को होनी थी जिसे बाद में टालकर 1 फरवरी कर दिया गया था। दोनों बार फांसी टलने के बाद तीसरा डेथ वारंट 3 मार्च का जारी किया गया, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि ये तारीख भी टल जाएगी।