खाजूवाला में एक कार्यालय ऐसा भी जहां आज भी मूलभुत सुविधाओं का है अभाव, ना छायां ना पानी, हो रही परेशानी,देखे विडियो

खाजूवाला, खाजूवाला में एक ऐसा कार्यालय जहां रोजाना दर्जनों लोगों का आना जाना लगा रहता है लेकिन उस कार्यालय मूलभुत सुविधाओं का अभाव होने के कारण आमजन को परेशानी हो रही है। इस कार्यालय में जेईएन, एईएन व एक्सईएन लेवल के अधिकारी बैठते है लेकिन मूलभुत सुविधाओं का अभाव कई वर्षों से है। यह कार्यालय खाजूवाला का विद्युत विभाग कार्यालय है। खाजूवाला के रावला रोड़ स्थित विद्युत विभाग के कार्यालय में ना तो शौचायल, ना ही पानी की उचित व्यवस्था और बिल भरने के लिए आने वाले लोंगों के लिए छांया की व्यवस्था है। अगर कुछ है तो सिर्फ अभाव ही अभाव। इस कार्यालय के मुख्य गेट के पास ही दर्जनों फाईलें पड़ी है जिनमें लोगों के स्टाम्प आईडी की कॉपी आदि यूं ही खचरे में पड़ी है।

खाजूवाला विद्युत विभाग कार्यालय में आज भी मूलभुत सुविधाओं का अभाव है। जिसको लेकर कार्यालय में जाने वाले आमजनों को परेशानी होती है। कार्यालय में हर दो माह बाद बिल जमा करवाने के लिए लोगों का जाना होता है और जहां बिल जमा होता है वहां छांया की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में लोगों को धुप में लम्बी लाईनें लगाकर खड़ा रहना पड़ता है जबकि पूर्व में कार्यालय परिसर में ही बने शैड में बिल जमा होते थे। लेकिन कुछ सालों से स्थान परिवर्तन कर दिया है। लोगों को धूप में खड़ा होकर बिल जमा करवाने में परेशानी होती है। कार्यालय में शौचायल की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में कर्मचारी तथा कार्यालय में आने वाले लोग परेशान होते है। कार्यालय महिला उपभोक्ताओं का भी आना होता है। जिनके लिए भी कोई शौचायल नहीं बना हुआ है। इस कार्यालय में पानी पीने के लिए एक वाटर कूलर पर्व में था। जिसे अब कंट्रोल रूम में लगा दिया गया है। जो कि कार्यालय से थोड़ा दूर है तथा कार्यालय पीने के पानी के लिए भी लोगों को परेशानी होती है।

कार्यालय में पता करने पर मालूम हुआ कि असुविधाओं के पीछे मुख्य कारण कार्यालय का भवन छोटा होना तथा पट्टा नहीं होने से निर्माण कार्या में भी परेशानी आ रही है। एक कर्मचारी ने बताया कि कार्यालय के भवन में पर्याप्त जगह नहीं है। जिसके कारण असुविधाएं है पूर्व में कई बार शौचायल बनाने तथा भवन निर्माण के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है।

कचरे में पड़ी फाईलें :-

विद्युत विभाग कार्यालय गेट के पास दर्जनों फाईलें पड़ी है। जो दीनदयाल योजना 2018 की फाइलें बताई जा रही है। जिसमें उपभोक्ताओं द्वारा डिमाण्ड राशि नहीं भरने पर ये फाईलें खारिज हो गई है। इन फाईलों पर धूल मिट्टी जमी हुई है तथा कई फाईलों में से स्टाम्प भी बाहर निकलकर पड़े है। उपभोक्ता द्वारा 300-500 रुपए लगाकर एक फाईल तैयार कर कार्यालय में दी जाती है और उस को कार्यालय में कचरे की तरह पटक दिया जाता है। जिसपर अधिकारी का कहना है कि फाईल आने के बाद उपभोक्ता का डिमाण्ड जारी कर दिया जाता है डिमाण्ड जारी करने के बाद उपभोक्ता को डिमाण्ड राशि जमा करवाने के लिए एक महीने का समय दिया जाता है। यदि उपभोक्ता डिमाण्ड राशि जमा नहीं करवाता है तो फाईल निरस्त कर दी जाती है। निरस्त फाईलों को कार्यालय में ही रखना होता है। कार्यालय में जगह नहीं होने के कारण फाईलें ऐसे पड़ी है।

विद्युत विभाग कार्यालय में पूर्व में वाटर कूलर था जिसे अब कंट्रोल रूम में लगा दिया गया है। कार्यालय में पानी के लिए कैम्पर से व्यवस्था भी करवा दी जाएगी। कार्यालय में शौचायल नहीं है जिसके लिए विभाग के ही सिविल डिपाटमेंट को लिखा गया है तथा मौखिक रूप से बात करने पर उन्होंने आश्वासन दिया है कि बजट घोषित होने पर एक-दो माह में शौचायल का निर्माण करवा दिया जाएगा। वहीं बिल भरने आने वाले लोगों को छांया की व्यवस्था नहीं है। कार्यालय परिसर में एक टीन शैड बना हुआ है आगामी बिल जमा करवाने के लिए इन टीन शैड के स्थान का उपयोग कर लिया जाएगा।