खाजूवाला, इ.गा.न.प. की 70 दिन लंबी नहरबंदी खत्म होते-होते पंजाब की आरडी 370 पर आईजीएनपी नहर की लाइनिंग धंसने से कारण यहां सिर्फ 6 हजार क्यूसेक पानी छोडऩे पर पूर्व संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि नहर पिछले 2 महीने से अधिक समय से बंद होने के बावजूद यहां दुरुस्तीकरण का कार्य नहीं करवाया गया। इस नहर की क्षमता 18500 क्यूसेक है। वर्तमान में यहां 8 हजार 500 क्यूसेक पानी छोड़ा जाना था, लेकिन लाइनिंग धंस जाने के कारण यहां सिर्फ 6 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी का संकट बढऩा तय है।
डॉ. मेघवाल ने रविवार को हनुमानगढ़ में पदस्थापित इ.गा.न.प. के मुख्य अभियंता से दूरभाष पर इस सम्बंध में बात कि तो मालूम हुआ कि नहर की मरम्मत चल रही है। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई और कहा कि 2 माह से भी लंबी नहरबंदी के बावजूद यह कार्य नहीं करवाया गया। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा आईजीएनपी के सुदृढ़ीकरण के लिए 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि के कार्य स्वीकृत करवाए गए, लेकिन कांग्रेस सरकार की अनदेखी और भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण घोषित कार्य की तुलना में 50 प्रतिशत कार्य भी नहीं हुआ। इससे आने वाले समय में खाजूवाला में सिंचाई के लिए पानी का संकट गहराना तय है। डॉ. मेघवाल ने बताया कि उनके आग्रह पर पूर्व मुख्यमंत्री राजे द्वारा खाजूवाला क्षेत्र की नहरों के लिए 150 करोड़ रुपये स्वीकृत किए, लेकिन समय रहते यह कार्य नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यदि इस बजट का सही उपयोग नहीं हुआ क्षेत्र का किसान उजड़ जाएगा। उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि यदि समय रहते सरकार ने पर्याप्त सिंचाई पानी उपलब्ध नहीं करवाया तो किसानों को साथ लेकर आन्दोलन किया जाएगा।
राज्य सरकार नहीं सोच रही किसानों का हित, अगर किसानों को नहीं मिला सिंचाई पानी तो होगा बड़ा आन्दोलन
