खाजूवाला के सरकारी स्कूल के बरामदे की पट्टियाँ गिरी, एक साल पहले ही विभाग को दे दी थी सूचना

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R.खबर, खाजूवाला के सरकारी स्कूल का करीब 60 फीट का बरामदा और एक क्लास रूम धराशायी हो गया। गनीमत है कि स्कूल में गर्मी की छुटि्टयां चल रही है। स्कूल समय में ये पटि्टयां गिरती तो बड़ा हादसा हो सकता था। पिछले एक साल से बरामदे की पटि्टयों में दरारें आई हुई थी, इसके बाद भी मरम्मत नहीं कराई गई। यह घटना खाजूवाला के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 3 पीडब्लूएम की है।

मिली जानकारी के अनुसार रविवार देर रात अचानक पटि्टयां गिर गई थी। घटना के बारे में ग्रामीणों ने सुबह फोन पर टीचर्स को बताया था। स्कूल स्टाफ तुंरत मौके पर पहुंचा। यहां करीब 60 फीट का बरामदा गिर गया है। 60 के आसपास ही पटि्टयां छत से नीचे आकर गिरी हैं। वहीं आईसीटी रूम भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इसकी एक दीवार झुक गई है। यहां कम्प्यूटर भी पड़े थे, जो सुरक्षित हैं।

प्रिंसिपल हरदेव सिंह चंदी ने बताया कि एक साल पहले ही इस बारे में रिपोर्ट दी गई थी। पूरे क्षेत्र को तारबंदी करके बंद किया गया था। आज घटना की जानकारी मिलने के बाद से अब तक स्टाफ यहीं पर है। घटना के बारे में खाजूवाला एसडीएम और शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को रिपोर्ट दी गई है।

एक साल से आ रखी थी दरारें :

स्कूल प्रबंधन ने करीब एक साल पहले ही विभाग के आला अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी दे दी थी। तब समसा के एक जेईएन ने यहां आकर रिपोर्ट भी तैयार की लेकिन मरम्मत के लिए कुछ नहीं किया गया। यहां तक कि कमरों की पटि्टयों वाले हिस्से को स्कूल टीचर्स ने ही तारबंदी से बंद कर दिया था ताकि स्टूडेंट्स नहीं जाएं। जिस हिस्से को तारबंदी से बंद किया गया था, उससे आगे की पटि्टयां भी टूट गई है। जहां आमतौर पर बच्चे रहते हैं। स्कूल में कुल 380 स्टूडेंट्स हैं।

चार साल पहले हुई थी मरम्मत :

स्कूल की छत पर बरसात का पानी आने के कारण सीलन आ रही थी। ऐसे में ऊपर टाइल्स लगाने का काम साल 2019 में हुआ था। वर्ष 1998 में बनी इस बिल्डिंग में जगह-जगह से पटि्टयों में दरारों के बारे में फरवरी 23 में एक पत्र आला अधिकारियों को लिखा गया था। इसके बाद सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े अधिकारियों ने रिपोर्ट बनाने की औपचारिकता की।

बड़ा हादसा टला :

हालांकि, इस बरामदे और इससे जुड़े दो कमरों में क्लास नहीं लगाई जा रही थी। स्कूल प्रिंसिपल ने खतरे को देखते हुए बच्चों की क्लास अन्य रूम में शिफ्ट कर दी थी। इसके बाद भी लंच यहीं पर होता था। बच्चों का आना जाना भी लगा रहता था। इसी बरामदे से होकर लाइब्रेरी और आईसीटी रूम में जाना पड़ता था। ऐसे में स्कूल समय में ये हादसा होता तो जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था।