550 दिन से पसोपा में धरने पर साधु-संत, आदिबद्री-कंकाचल पर्वतों पर खनन का विरोध
जयपुर, आदिबद्री-कंकाचल पर्वतीय क्षेत्र भरतपुर में अवैध खनन के विरोध में आत्मदाह करने की चेतावनी देने वाले बाबा हरिबोल दास से पहले धरना स्थल पसोपा के पास मंगलवार को बाबा नारायण दास ने टॉवर पर चढ़कर सनसनी फैला दी। बाबा के टावर पर चढ़ने की सूचना पर भारी भीड़ जमा हो गई। सूचना पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश की। लेकिन बाबा क्षेत्र में अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग पर डटे रहे। दोपहर में जिला कलक्टर आलोक रंजन और एसपी श्यामसिंह मौके पर पहुंचे और टावर पर चढ़े बाबा सहित अन्य साधु-संतों से समझाइश की। उधर, कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला भी मौके पर पहुंचे और बाबा से समझाइश की। लेकिन बाबा टावर पर ही बने रहे। उधर, बाबा ने कहा कि जब तक ब्रज के दोनों दिव्य पर्वतों पर अवैध खनन पर पूर्णतया रोक लगाने के साथ क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित करने का पत्र नहीं मिल जाता तब तक वो नीचे नहीं उतरेंगे।
आदिबद्री-कंकाचल पर्वतीय क्षेत्र में अवैध खनन के विरोध में पसोपा में 550 दिनों से जारी साधु-संतों के धरने के दौरान रविवार को बाबा हरिबोल दास के आत्मदाह की चेतावनी के बाद हरकत में आए पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने धरनास्थल पहुंचकर साधु-संतों से समझाइश की। धरनास्थल पहुंचे डीग एएसपी रघुवीर सिंह कविया और सीओ आशीष कुमार की समझाइश के बाद भी बाबा आत्मदाह की बात पर अड़े रहे।
मंगलवार सुबह करीब 6 बजे टावर पर चढ़े बाबा नारायण दास से सीओ हेमंत कुमार और सीओ आशीष कुमार ने माइक से कई बार समझाइश की। बाबा ने कहा कि उन्हें किसी भी वार्ता पर अब विश्वास नहीं है। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने एक व्यक्ति को पत्र भी लेकर टावर पर चढ़ाया। बाबा ने पत्र को फर्जी बताते हुए उसे नीचे फेंक दिया। सुरक्षा को लेकर एनडीआरएफ की टीम ने टावर के नीेचे चारों ओर जाल बिछाया है। वहीं, अधिकारियों ने बाबा के लिए टावर पर ओआरएस और जूस भिजवाया है। उधर, एनडीआरएफ टीम मौके पर पहुंच गई।
विश्वेन्द्र सिंह ने की वार्ता:-
आत्मदाह करने की चेतावनी के बाद सोमवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय के सभागार में मुख्यमंत्री की ओर से भेेजे पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने मान मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की थी। दूसरे दौर की वार्ता मंगलवार को होनी थी।