खाजूवाला के 16 बीडी में शहीद रामकुमार यादव के स्मारक व मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
खाजूवाला, भारत माता की सरहद की सुरक्षा करते हुए अपने प्राणोत्सर्ग करने वाले शहीद सैनिक आधुनिक भारत के निर्माता हैं। एक शहीद के परिवार के तप और त्याग की तुलना हम देश को आजादी दिलाने वाले देशभक्तों से करें तो भी कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यह 114 वीं बीएसएफ बटालियन के कमांडेंट महेंद्र सिंह ने शहीद रामकुमार यादव के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में कहा।
16 बीडी खाजूवाला में शहीद रामकुमार यादव की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में 114 वीं बीएसएफ बटालियन के डिप्टी कमांडेंट अजय वीर सिंह ने कहा कि सीमा क्षेत्र पर एक शहीद के स्मारक के निर्माण से सीमा पर बसने वाले समाज में देशभक्ति का भाव और भारतीय सेना के प्रति स्नेह का भाव भरने में अपनी अतिमहत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सीमा की सुरक्षा में तैनात प्रथम पंक्ति सेना व सीमा पर बसने वाला समाज द्वितीय पंक्ति के रूप में सदैव आपसी अच्छे तालमेल से रहे, ताकि देश की सीमाओ पर किसी भी प्रकार की अवांछित व असामाजिक गतिविधि ना हो पाए।
पीबीएम ट्रोमा सैंटर के सीएमओ डॉ लवलीन कपील ने अपने उद्बोधन में नशावर्ती से दूर रहकर समाज और देश की उन्नति में अपनी महता सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
समाजसेवी हरिकृष्ण राजपुरोहित ने रक्तदान के प्रति जागरूकता पर अपने विचार रखें।
शहीद रामकुमार यादव स्मारक निर्माण कार्यक्रम संयोजक विनोद डारा ने बताया कि स्मारक निर्माण में जीवन दायिनी ब्लड सेवा समिति व बैआश्रित गौ सेवक टीम 14 बीडी के सामूहिक सहयोग से खाजूवाला के बॉर्डर क्षेत्र पर इस स्मारक का निर्माण हुआ है। जिसमें खाजूवाला क्षेत्र के साथ-साथ विभिन्न स्थानों के भामाशाहों का सहयोग रहा। स्मारक निर्माण हेतु भूमि दानदाता करनैल सिंह बड़वाल ने की।
इस कार्यक्रम में शहीद रामकुमार यादव के माता-पिता और उनकी धर्मपत्नी अंकिता उपस्थित रहे। शहीद की पत्नी भी अब बीएसएफ में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। उनके अनुसार 2019 में उनके पति के शहीद होने के बाद 14 बीडी निवासी विनोद डारा फौजी ने उनका मनोबल बढ़ाकर व मार्गदर्शन देकर उन्हें सेना में सेवा देने के लिए प्रोत्साहित किया।
मंच संचालन सीमाजन कल्याण समिति के तहसील मंत्री राजेंद्र आचार्य ने शहीद रामकुमार यादव के जीवनकाल पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कृष्णा देवी व भीम सिंह यादव के इकलौते पुत्र रामकुमार 2017 में बीएसएफ में भर्ती हुए व 10-8-2019 को सिलीगुड़ी में ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से शहीद हो गए। जिस समय रामकुमार शहीद हुए उसे समय उनकी पुत्री आर्वी उनकी धर्मपत्नी अंकिता के गर्भ में थी, जो आज 4 वर्ष की हो गई है।
मूर्ति अनावरण कार्यक्रम से पहले 17 केवाईडी से 16 बीडी तक नशा मुक्ति रैली का आयोजन किया गया। जिसको खाजूवाला नगरपालिका चेयरमैन अशोक फौजी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रामचंद्र गोदारा ने शहीद स्मारक स्थल पर वाटर कूलर लगाने की घोषणा की।
कार्यक्रम में लिखमाराम स्वामी, प्रखर मित्तल, महावीर बिश्नोई, राजेंद्र बेनीवाल, बनवारी भादू, रामेश्वर बाबुल, मुकेश भादू, सुभाष डारा, पुखराज नाई, दिनेश कस्वां ,मोहन सोखल, ओमप्रकाश सिग्गड़ आदि उपस्थित रहे।