पूगल जमीन की खातेदारी के लिए एसडीएम के ड्राईवर को दिए किसान ने 30 हजार रुपए, नायब तहसीलदार के साथ बात करते हुए वॉटसअप कॉल आया सामने

खाजूवाला-छतरगढ़, अगर आप पूगल, छतरगढ़ के वासिंदे और सरकारी कार्यालयों में आपको काम है तो काम बिना पैसे नहीं होगा, और अगर पैसा दे भी दिया तो वापस नहीं मिलेंगे। यहां इन दिनों भ्रष्टाचार का आलम चर्म पर है। राजस्व विभाग में कार्य करवाने के लिए भ्रष्टाचार का नाम अब सिस्टम बन गया है। जो भी इस सिस्टम के दायरे में रहता है उनका कार्य होता है और अगर कोई सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करता है तो ना तो उसका काम होता और ना ही पैसे वापस दिए जाते है। वहीं आजकल अधिकारी फोन कॉल रिकॉर्ड ना हो इसलिए वॉटसअप कॉल का इस्तेमाल करने लगे है। यह वाट्सअप कॉल इतनी ट्रेंडिंग में है कि अगर किसी अधिकारी से आपको बात करनी है तो वाट्सअप कॉल ही करना पड़ेगा। ऐसा ही एक मामला सामने आया। एक वॉटसअप कॉल इन दिनों वायरल हो रही है, जिसमे एक पीडि़त किसान अधिकारी से बात कर रहा हैं। जिसमें एक अधिकारी खातेदारी दिलवाने की बात कर रहा है तथा वहीं पीडि़त ज्यादा रुपए नहीं लेने की बात करता हुआ सामने आया है। इस सम्बन्ध में एसीबी व पुलिस महानिरीक्षक बीकानेर रेंज, जिला कलेक्टर को शिकायत की गई है।
मामला खाजूवाला विधान सभा के पूगल का है। किसान सत्यवीर ने बताया कि पूगल के भानीपुरा में खरीदसुदा जमीन है। जो गैर खातेदारी है। जिसकी खातेदारी दिलवाने के लिए नायब तहसीलदार छतरगढ़ से सम्पर्क किया गया तथा नायब तहसीलदार ने खातेदारी दिवालने की बात कही। इस सम्बन्ध में एसडीएम पूगल को फोनकर बात भी की गई। किसान ने आरोप लगाया कि 12 जुलाई को पूगल एसडीएम से मिलने पर एसडीएम ने कहा कि खातेदारी के 50 हजार रुपए लगेंगे, जिसपर उसी समय 30 हजार रुपए एसडीएम के ड्राईवर को दिए गए। काफी समय तक खातेदारी नहीं काटी गई तो किसान ने 18 अगस्त को एसडीएम के ड्राईवर को फोन कर रुपए वापस मांगे। जिसपर ड्राईवर ने रुपए देने की बात की। जिसका ऑडियो भी है। वहीं किसान हल्का पटवारी भानीपुरा से मिला, जिसपर जमीन की रिपोर्ट करवाने के लिए पटवारी ने 10 हजार रुपए मांगे। 21 जुलाई 2022 पटवारी को रुपए 10 हजार दिए लेकिन रिपोर्ट नहीं की गई। 14 अगस्त को पटवारी से रुपए फोन पर वापस मांगे गए। जिसकी भी किसान के पास ऑडियो है। जिसकी अन्त में नायब तहसीलदार छतरगढ़ से वॉटसअप पर वार्ता की तो उसमें रुपए का लेन-देन भी सामने आ रहा है। जिसमें किसान द्वारा कहा जाता है कि साहब और रुपए तो नहीं लगेंगे। 30 हजार रुपए में काम हो जाएगा, वहीं नायब तहसीलदार कह रहे है कि आप आ जाओ साथ चलकर खातेदारी ले आएंगे और रुपए भी वापस ले आएंगे।

वर्जन

मेरी ऐसी किसी भी व्यक्ति से कोई बात नही हुई है। जो भी आरोप लगाए जा रहे है वो बेबुनियाद है।
राजेश शर्मा
नायब तहसीलदार, छतरगढ़।