राज्य सरकार ने बढाई बिजली की दरे, भाजपाइयो ने किया प्रदर्शन


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खाजूवाला, भारतीय जनता पार्टी मंडल खाजूवाला ने राजस्थान सरकार द्वारा बढ़ाई गई बिजली दरों को वापस लेने के लिए उपखंड अधिकारी खाजूवाला को ज्ञापन सौंपा है। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष शंकर लाल पारीक ने कहा कि राजस्थान मे एक करोड़ 20 लाख परिवार बिजली का उपयोग करते हैं। इनमें से 68 फीसदी परिवार किसान परिवार है। सरकार की बिजली की दरें नहीं बढ़ाने की घोषणा उस समय कपोल कल्पित साबित हो गई। जब राजस्थान नियम आयोग की सिफारिश पर 1 फरवरी 2020 को राज्य में 15 से 25 प्रतिशत विद्युत दरों को बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए गए। इससे प्रति यूनिट 95 पैसे उपभोक्ता को बढ़ाने के साथ ही एक 1.15 रूपये फिक्सिंग चार्ज बढ़ाकर अब तक की सबसे अधिक विद्युत दरों को बढ़ाकर आम उपभोक्ता की जेब पर एक हजार आठ सौ करोड़ का डाका डाला है।
महामंत्री जगविन्द्र सिंह ने कहा किसान जो गांव ढ़ाणी में दो तीन कमरों में रहता है। उसकी विद्युत खपत 150 से 200 यूनिट प्रतिमाह हो जाती है। अब उस गरीब किसान को प्रति यूनिट 6.40 रुपए की जगह 7.35 रुपए प्रति यूनिट और फिक्स चार्ज के रूप में 220 प्रति माह की जगह 275 रुपए प्रतिमाह भुगतान करना होगा। यह सरकार ने किसानों के साथ वादा खिलाफी की है। राजस्थान में इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2004 का भी उल्लंघन है। जिसमें साफ कहा गया था कि विद्युत उपभोक्ताओं पर किसी भी प्रकार की दरें बिना नियामक आयोग की अनुमति के नहीं लगाया जा सकता। सरकार ने पूर्व में भी फ्युल चार्ज के नाम पर विद्युत उपभोक्ताओं पर 37 पैसे प्रति से लगाए जा रहे को फ्यूल चार्ज को 65 पैसे बिना विद्युत नियामक की अनुमति के किया। जो विधि सम्मत नहीं है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी इन बढ़ाई हुई दरों का पुरजोर विरोध करती है व उपखंड अधिकारी के मार्फत राज्यपाल महोदय से निवेदन करती है कि आप इन बढ़ाई हुई दरों को वापस लेने के लिए सरकार का ध्यान दिलाएं। इस अवसर पर शंकर लाल पारीक, जगविंदर सिंह सिद्धू, मक्खन सिंह राठौड़, भूप सिंह राठौड़, घीसाराम रेगर, सुमेर सिंह सोढ़ा, सत्यनारायण शर्मा, बशीर खान, सुशील गवारियां, करणी सिंह, मोहन कस्वां व रणजीत मजोका आदि उपस्थित रहे।