सोनिया गांधी: देश की आजादी के बाद पहली बार ऐसा दर्द का मंजर दिखा


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नई दिल्ली, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए किये गए लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों से लेकर बेरोजगारी तक के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। 30 मई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने वाला है और उससे पहले कांग्रेस ने देशभर में स्पीक अप इंडिया अभियान शुरू किया है।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रवासी मज़दूरों की समस्या को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। समाज के वंचित तबके के लिए आवाज उठाने के उद्देश्य से कांग्रेस ने स्पीकअप इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की है।

सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा में 200 दिन का काम सुनिश्चित करे ताकि गांव में ही प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिल सके। सोनिया ने कहा कि केंद्र सरकार गरीब लोगों को लोन देने की बजाय आर्थिक मदद दे। इसके साथ ही कारोबारियों को भी मदद दी जानी चाहिए ताकि नौकरी बची रहे।

स्पीक अप इंडिया की शुरुआत करते हुए सोनिया ने कहा कि देश की आजादी के बाद पहली बार ऐसा दर्द का मंजर दिखा है। उन्होंने कहा, “प्रवासी मजदूर नंगे पांव सैकड़ों-हजारों किलोमीटर पैदल चल कर जाने को मजबूर हुए हैं। मजदूरों की सिसकियां सबने सुनी, लेकिन सरकार ने नहीं। केंद्र सरकार से अनुरोध है कि खजाने का ताला खोलिए, जरूरतमंदों को राहत दीजिए। हर गरीब परिवार को 7500 रुपये प्रति महीने दीजिए और उनमें से 10,000 रुपये फौरन देने की व्यवस्था करें। साथ ही प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित घर पहुंचाइए।

कांग्रेस पार्टी ने फेसबुक, ट्विटर, यू ट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे प्रचलित सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक साथ 50 लाख कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन जुटाने का लक्ष्य रखा है। ऑनलाइन अभियान के जरिए कांग्रेस किसानों, मजदूरों, छोटे व्यापारियों, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के मुद्दे को उठाकर उन्हें अपने साथ लाने की कोशिश कर रही है।