बीकानेर में कोरोना से दूसरी मौत / 38 वर्षीय महिला ने कोविड अस्पताल में दम तोड़ा


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बीकानेर, बीकानेर में कोरोना से एक और मौत हो गई। कोविड अस्पताल में भर्ती नोखा दैया गांव की 38 वर्षीय महिला की सोमवार शाम को मौत हो गई। शनिवार को इसे अस्पताल लाया गया था और जांच में रविवार को संक्रमित होने की पुष्टि हुई। गुर्दा रोग से पीड़ित यह महिला इससे पहले भी पीबीएम में डायलिसिस के लिए दो दिन रही थी। बीते सप्ताह भी यह चैकअप करवाकर गई। सीएमएचओ डा.बी.एल.मीणा के मुताबिक स्वास्थ्य टीम ने परिजनो सहित आस-पास रहने वाले 44 लोगो के सैंपल जांच के लिए इन सबकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इस मौत के साथ ही बीकानेर में कोरोना से यह दूसरी मौत है। अब तक 39 संक्रमित रोगी रिपोर्ट हुए हैं जिनमें से 37 ठीक हो गए, दो की मौत हो गई। फिलहाल बीकानेर में कोई कोरोना संक्रमित नहीं है।

कोरोना से तीन मौते, तीनो महिलाएं, एक गर्भवती, एक गुर्दा रोगी व एक डायबिटिक, डाक्टर हैरान बीकानेर में गंभीर स्थिति में अधिकांश महिलाएं ही आ रही

बीकानेर जिले में कोरोना से दूसरी मौत हुई है जबकि कोविड अस्पताल में अब तक भर्ती हुए तीन मरीजो की मौत हो चुकी है। इनमें से एक नागौर की महिला थी। हैरानी यह है कि इस अस्पताल में हुई तीनो मृतक महिलाएं हैं। हालांकि डाक्टर बताते हैं, तीनो ही हाईरिस्क एरिया में होने के साथ ही गंभीर स्थिति में हॉस्पिटल पहुंची। मसलन, तेली लोहारान मोहल्ला की जिस महिला की पहली मौत हुई वह डायबिटिक होने के साथ ही श्वांस में तकलीफ से जूझ रही थी। मौत के बाद संक्रमित रिपोर्ट आई। इसके बाद नागौर की जिस महिला को यहां लाया गया वह गर्भवती थी और बिगड़ी हुई स्थिति में लाया गया था। यहां लाने के दो दिन बाद ही उसकी मौत हो गई। सोमवार को नोखा दैया गांव की जिस महिला की मौत हुई है वह लंबे से से गुर्दा रोग से जूझ रही थी। 23-24 अप्रैल को डायलिसिस करवाकर जाने के बाद बताया जाता है कि दो-तीन मई को दिखाने भी आई थी। अभी भी डायलिसिस के लिए ही आई लेकिन निमोनिया की हालत देखते हुए भर्ती किया। जांच करने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सोमवार को डायलिसिस शुरू भी किया गया लेकिन मौत हो गई। इन सबके बीच एक तथ्य यह भी है कि अब तक आए 39 रोगियों में से हालांकि ज्यादा गंभीर या वेंटीलेटर वाले रोगी नहीं रहे लेकिन जिनकी भी हालत थोड़ी खराब रही उनमें से अधिकांश महिलाएं रही। मसलन, पीबीएम की संविदाकर्मी महिला का इलाज करने में डाक्टर्स को मशक्कत करनी पड़ी। पुरुष पॉजिटिव रोगियों में जयादातर ऐसे रहे जिनके कोई लक्षण नहीं दिखे।