बीकानेर। भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी) में शुक्रवार को स्कूली विद्यार्थियों के संग विज्ञान दिवस मनाया। विज्ञान दिवस के इस अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों हेतु एनआरसीसी के अलावा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के बीकानेर स्थित संस्थानों यथा-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, काजरी संस्थान ने भी अपनी अनुसंधान गतिविधियों को वैज्ञानिकों के माध्यम से प्रदर्शित किया। केन्द्र के सामुदायिक भवन में आयोजित इस विज्ञान दिवस में आदर्श विद्या मंदिर, गंगाशहर, आदर्श विद्या मंदिर, ज.ना.व्या.न. बीकानेर एवं डिवाइन इंटरनेशनल स्कूल आदि के करीब 500 विद्यार्थियों, अध्यापकों, पशुपालकों, वैज्ञानिकों आदि ने सक्रिय सहभागिता निभाई। कार्यक्रम में प्याज की झिल्ली, आलू स्टार्च, विद्युत घंटी, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, चुम्बकीय शक्ति, गणित, सोलर ऊर्जा, पवन ऊर्जा संबंधी प्रायोगिक माॅडल भी प्रदर्शित किए। केन्द्र द्वारा विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने हेतु केन्द्र की विभिन्न उष्ट्र नस्लों व अनुकूलन विशेषता की जानकारी दी गई।
इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए केन्द्र निदेशक डाॅ. आर.के.सावल ने कहा कि एनआरसीसी एक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अनुसंधान संस्थान है और उष्ट्र प्रजाति के संरक्षण एवं विकास हेतु पशु जनन, प्रजनन, पोषण, आनुवांशिकी, शरीर कार्यिकी, स्वास्थ्य, ऊँटनी के दूध आदि पहलुओं पर गहन अनुसंधान व पर्यटन आदि से जुड़े व्यावहारिक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने ऊँटनी के दूध के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि यह एक औषधीय गुणधर्माें से युक्त कार्यात्मक खाद्य है और ऊँटनी के दूध के विषय में फैले तमाम मिथक निराधार हैं अतः दूध के दृष्टिकोण से इस प्रजाति के महत्व को समझाया जाए। उन्होंने विद्यार्थियों को अनुसंधान में योगदान हेतु प्रोत्साहित करते हुए कहा कि राजकीय पशु ‘ऊँट‘ के महत्व को प्रतिपादित करने हेतु आगे जाकर नए नए अनुसंधान आदि के माध्यम से विद्यार्थी गण अपना योगदान दें। इससे ऊँट पालकों व इस व्यवसाय से जुड़े पशुपालकों को लाभ मिलेगा और इस व्यवसाय को भी बल मिल सकेगा।
इस अवसर पर केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिकों में डाॅ.एस.के.घोरूई ने विज्ञान विषय को तर्क आधार पर समझने की बात कही और डाॅ.सुमन्त व्यास ने विद्यार्थियों को क्षमता अभिवृद्धि हेतु विज्ञान विषय एवं विषेषकर भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में जानकारी प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ.राकेश रंजन एवं काजरी संस्थान के डाॅ.बागड़ी ने भी विचार व्यक्त किए।
एनआरसीसी की ओर से इस विज्ञान प्रदर्शनी में प्रायोगिक माॅडल प्रदर्शित करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर आए हुए सभी बच्चों, अध्यापकों, पशुपालकों को ऊँटनी का सुगन्धित दूध का भी रसास्वादन करवाया गया। साथ ही उन्होंने ऊँट गाड़ी का लुत्फ भी उठाया तथा केन्द्र के उक्त संग्रहालय, डेरी, उष्ट्र बाड़ों आदि का भ्रमण कर वैज्ञानिक जानकारी दी गई। आर्दश विद्या मंदिर स्कूल के विज्ञान विषय अध्यापक जितेन्द्र कुमार श्रीमाली एवं डिवाइन इंटरनेशनल स्कूल की अकादमिक प्रभारी परमजीत कौर ने एनआरसीसी द्वारा आयोजित विज्ञान दिवस को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया तथा जिज्ञासा व्यक्त की कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों के बौद्धिक विकास की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है।