जयपुर, पिछले कुछ दिनों से राजस्थान की राजनीति में काफी उथल-पुथल चल रही है। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी दो धड़ों में बंटी नजर आ रही है। एक धड़ा अशोक गहलोत का है, तो दूसरा सचिन पायलट का है। दोनों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। सोमवार को सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने सारी मर्यादाएं लांघ दी और सचिन पायलट को काफी भला-बुरा कहा। गहलोत ने जो कुछ आज कहा, उसके बाद ऐसा नहीं लगता कि सचिन पायलट कांग्रेस में रहना चाहेंगे।
गहलोत ने सचिन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं पहले से ही यह बात कह रहा था कि सरकार को गिराने का षड्यंत्र चल रहा है। भोला चेहरा हिंदी अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ और देश – दुनिया की मीडिया को प्रभावित कर रखा है। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक भोले चेहरे के पीछे ऐसा साजिशकर्ता छिपा बैठा था।
गहलोत ने कहा कि पिछले सात साल से सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, लेकिन फिर भी उन्हें हटाने के लिए किसी ने एक आवाज नहीं उठाई। उनका इतना सम्मान किया। हम इसलिए कुछ नहीं बोलते थे कि क्योंकि चाहते नहीं थे कि दिल्ली में राजस्थान को लेकर ऐसी इमेज बने। सब जानते थे कि ये इंसान निकम्मा -नकारा है, लेकिन फिर भी कोई इसलिए नहीं बोलता था, ताकि गलत छवि पेश ना हो।
कांग्रेस विधायक गिरिराज सिंह के द्वारा 35 करोड़ की रिश्वत ऑफर करने के आरोप पर कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे आरोपों से दुखी हूं, लेकिन आश्चर्यचकित नहीं हूं। ऐसे आरोप मेरी छवि खराब करने के लिए लगाए जा रहे हैं, जिससे कि राजस्थान में पार्टी नेतृत्व को लेकर कांग्रेस के सदस्य और विधायक के रूप में मेरी वाजिब चिंताओं को दबाया जा सके।
मुझे बदनाम करवाने और मेरी विश्वसनीयता को कम करने की कोशिश है। मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश है। ज्ञात हो कि राजस्थान कांग्रेस के विधायक गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया था कि सचिन पायलट ने उन्हें राज्यसभा चुनाव में विपक्ष को वोट करने के लिए 35 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।