खुशखबरी: जाने कब तक बनकर तैयार होगा जलाशय और फिल्टर प्लांट, नहरबंदी का भी नहीं होगा असर


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खुशखबरी: जाने कब तक बनकर तैयार होगा जलाशय और फिल्टर प्लांट, नहरबंदी का भी नहीं होगा असर

बीकानेर। साल 2052 तक की पेयजल की जरूरत पूरी करने के लिए बनाया गया पीएचईडी का पायलट प्राेजेक्ट समय पर पूरा नहीं हाे पाएगा। इसी साल काम का पहला चरण पूरा हाेना था, जाे अगले साल ही हाेगा। इसके एवज मंे ठेकेदार से एलडी काटी जाएगी। हालांकि, बीछवाल में जलाशय और फिल्टर प्लांट मार्च तक तैयार हाे सकता है। अगर ऐसा हुआ ताे इस बार नहरबंदी में पानी की कटाैती का सामना नहीं करना हाेगा। शहर की 2052 तक की प्यास बुझाने के लिए 892 कराेड़ का प्राेजेक्ट मंजूर हुआ था। पहला चरण 2035 तक के लिए और दूसरा चरण 2052 तक के लिए। पहले चरण का काम इसी साल यानी 2024 में पूरा हाेना था, लेकिन अभी करीब 60 प्रतिशत काम ही हुआ है।

उसकी वजह जमीनाें का विवाद भी है। दाेनाें ही जमीनाें का मामला शुरुआती दाैर में लिटिगेशन में चला गया था। इस कारण जलाशय का काम देरी से शुरू हुआ। पीएचईडी का दावा है कि बीछवाल में बन रहा जलाशय फरवरी-मार्च तक तैयार हाे जाएगा। उसका पूरा सिस्टम तैयार हाे जाएगा। अगर ऐसा हुआ ताे इस जलाशय में भी पानी जमा कर सकेंगे। दो जलाशय पहले से हैं। इससे नहरबंदी के दाैरान पानी की कटाैती की जरूरत नहीं हाेगी। हालांकि इस फिल्टर प्लांट से बीछवाल जलाशय से ही जुड़े इलाकों को ही फायदा होगा। लेकिन जब तक शाेभासर का जलाशय तैयार नहीं हाेता तब तक शाेभासर वाले इलाके को भी इमरजेंसी में पानी दिया जा सकता है। पंजाब सीमा में आने वाली इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत का काम पिछले साल नहीं हुआ था। अब अगले साल मार्च-अप्रैल में नहरबंदी हाेगी। नहरबंदी के दाैरान एक दिन छाेड़कर पानी सप्लाई किया जाता है।

अगर बीछवाल और शाेभासर जलाशय में नए जलाशय बन गए ताे कटाैती की जरूरत नहीं हाेगी। इसलिए लाेगाें काे इंतजार है कि अगर एक जलाशय भी तैयार हाे गया ताे कटाैती का सामना नहीं करना हाेगा। क्याेंकि पूर्ण नहरबंदी करीब 30 दिन की हाेगी। बीकानेर में माैजूदा हालात में 18 दिन का जल भंडारण हाे सकता है।