खाजूवाला, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने वीर शिरोमणि हिंदू हृदय सम्राट महाराणा प्रताप की जयंती को धर्म रक्षा दिवस के रूप में मनाया गया। महाराणा प्रताप की जयन्ती पर रविवार को एक गोष्ठी संघ कार्यालय में आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर संघ के जिला प्रचारक अशोक विजय के द्वारा शूरवीर महाराणा प्रताप के चित्र पर माल्यार्पण किया।
जिला प्रचारक ने अपने विचार रखते हुए उनकी वीरता एवं सघर्षों के बारे में जानकारी दी और कहा कि यूं तो राजस्थान की भूमि में अनेक वीरों ने जन्म लिया है पर महाराणा प्रताप की बात ही अलग है। प्राचीन काल में उनके पराक्रम के किस्से सुनकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाते थे। वीर रणबांकुरे का जन्म मेवाड़ के कुंभलगढ़ में राणा उदय सिंह के यहां हुआ था। हमारा इतिहास अधूरा बताया जाता है जो चाटुकारोंं द्वारा लिखा गया इतिहास है। महाराणा प्रताप के साथ उनके ही भाइयों ने अकबर की गुलामी स्वीकार कर उनके साथ धोखा किया। राणा का के पास 81 किलोग्राम का भाला तथा 208 किलोग्राम की दो धारी तलवार थी। इसके अलावा चेतक घोड़ा और रामप्रसाद नाम का हाथी था। इसके बाद अन्य वक्ताओं ने भी अपने-अपने विचार रख महाराणा प्रताप के जीवन पर प्रकाश डाला।
धर्मजागरण के जिला संयोजक भोजराज लेखाला ने बताया कि संघ की धर्मजागरण गतिविधि द्वारा खाजूवाला जिले के सभी खंड व मंडल केंद्रों पर इस बार कुटुंब शाखा के माध्यम से घरों में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाएगी। इस अवसर पर श्यामलाल जांगिड़, मनीराम ज्याणी, राजकुमार ठोलिया, पवन पंचारिया व अजय मिड्ढा आदि मौजूद रहे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने महाराणा प्रताप की जयंती को धर्म रक्षा दिवस के रूप में मनाया
