बीकानेर, लाखो विद्यार्थियों की मेहनत पर पानी फेरने वाले नकल गिरोह का REET परीक्षा से ठीक पहले चिट्ठा खुल गया। ऐसी चप्पलें बरामद की गई, जिसमें नकल की चिप लगी हुई थी। इस बड़ी उपलब्धि को बीकानेर पुलिस को हजम नहीं हुई और आखिरकार रविवार को इसी मामले में खाकी को शर्मसार होना पड़ा।
जिस युवक को दिल्ली से पकड़कर पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही थी, उसी ने पूरे थाने की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है। रविवार को गंगाशहर थानाधिकारी राणीदान उज्जवल सहित तीन पुलिसकमिर्यों को लाइन हाजिर कर दिया गया क्योंकि उन्होंने न सिर्फ अभियुक्त से रिश्वत मांगी बल्कि खुद पुलिस के ही सिपाही के साथ मारपीट की और वॉयस रिकार्डर छीन लिया।
यह है मामला :-
बीकानेर पुलिस ने चप्पल से नकल के मामले में चप्पल बनाने के आरोप में नई दिल्ली के सुरेंद्र धारीवाल को गिरफ्तार किया था। आठ नवंबर को गिरफ्तारी के करीब दो महीने बाद छह जनवरी को उसकी जमानत हो गई। गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने दिल्ली स्थित उसकी दुकान से दो लेपटॉप, तीन सीपीयू, दो छोटे मोबाइल, एक डीवीआर लेकर आए थे। इस पूरे सामान को जब्त रिकार्ड में नहीं दिखाया। सात जनवरी को जब सुरेंद्र अपना सामान लेने गया तो गंगाशहर पुलिस ने उसे सामान देने के बजाय एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी। यह राशि इस सामान के लिए नहीं बल्कि दूसरे मामले में नहीं फंसाने के नाम पर मांगी गई।
रिश्वत रिकार्ड :-
रिश्वत मांगने का पूरा मामला अब ACB के रिकार्ड पर आ चुका है। सुरेंद्र ने सात जनवरी को ही एसीबी जयपुर को इस आशय की शिकायत दर्ज करवाई थी कि उससे रुपए की मांग की जा रही है। इस पर जयपुर एसीबी ने एक टीम बीकानेर भेज दी। ये टीम पिछले तीन दिन से जाल बिछाकर बैठी थी। पुलिस रंगे हाथों पकड़ती उससे पहले ही एक सिपाही को सुरेंद्र का साथी समझकर पुलिस ने दबोच लिया। जब उसने अपना परिचय दिया तो पुलिस के हाथ पांव फूल गए। इसी समय लेपटॉप सहित अन्य सामान लेकर राणीदान फरार हो गए। हालांकि ACB पूरे मामले का सत्यापन कर चुकी है। तीनों पर रिश्वत का मामला चलना तय माना जा रहा है।
पहले से ही मामलो में फसे थे :-