बर्थडे पर पूर्व मंत्री की बढ़ी मुश्किलें, भजनलाल सरकार ने लिया ये निर्णय
जयपुर। जल जीवन मिशन में तत्कालीन सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। एसीबी ने कुछ माह पहले दर्ज प्राथमिक जांच रिपोर्ट में तत्कालीन पीएचईडी मंत्री महेश जोशी एसीएस सुबोध अग्रवाल व विभाग के कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई है। इस आधार पर इनके खिलाफ एफआईआर (FIR) की अनुमति के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है। महेश जोशी के खिलाफ राज्यपाल ने अनुमति जारी कर दी है। वहीं, पीएचईडी ने सात अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की अनुमति देते हुए फाइल सरकार को भेज दी है। एसीएस सुबोध अग्रवाल और कुछ अन्य अधिकारियों का मामला डीओपी (कार्मिक विभाग) और पीएचईडी विभाग (जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी) के पास लम्बित है। एसीबी ने जल जीवन मिशन में करोड़ों के भुगतान में हुई कथित गड़बड़ी को लेकर एक प्राथमिकी जांच रिपोर्ट 6/2024 दर्ज की थी। इसकी जांच में पाया कि ठेकेदार पदम चंद जैन व महेश मित्तल की फर्म ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पेश कर ठेके लिए थे। फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र की जानकारी विभाग को मिल गई थी। इसकी शिकायत परिवाद व ई-मेल के जरिए विभाग को मिल गई थी। जिस संस्था का प्रमाण पत्र पेश किया गया था, उस संस्था ने भी अधिकारिक तौर पर सूचना दी थी कि विभाग में पेश प्रमाण पत्र फर्जी है। इसके बाद भी विभाग ने व उच्च स्तर ने समय पर जांच का निर्णय नहीं लिया। देर से जांच कराई गई, जिसकी रिपोर्ट भी संदेहास्पद थी। इस बीच करोड़ों के भुगतान भी कर दिए गए।