R.खबर ब्यूरो। जयपुर सहित राजस्थान के तीन शहरों (जयपुर, लालसोट और बहरोड़) में इनकम टैक्स की बड़ी कार्यवाही. कारपेट, बिल्डर और कार्गो सर्विस फर्म से जुड़े तीन कारोबारियों के यहां सर्च की कार्रवाई आज (शनिवार) भी जारी है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को इनकम टैक्स की टीम ने 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी। अब इसमें दो और ठिकाने बढ़ गए हैं। टीम को कारोबारियों के यहां से 3 करोड़ रुपए कैश, गहने और लॉकर मिले हैं। दुबई में बेहिसाब निवेश करने के डॉक्युमेंट भी इनकम टैक्स विभाग के हाथ लगे हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्रों के मुताबिक, टैक्स चोरी की मिली सूचना पर अनिल गुप्ता, अशोक पाटनी और शब्बीर खान के जयपुर, लालसोट और बहरोड़ शहर स्थित 22 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे शुरू हुई कार्रवाई शनिवार दूसरे दिन भी जारी है। शनिवार को इनकम टैक्स की टीमों ने कारोबारियों के 2 और ठिकानों पर सर्च के लिए वारंट जारी किया है। इसके बाद 24 जगह सर्च चल रहा है।
तीनों कारोबारियों के 24 लॉकर मिले:-
इनकम टैक्स टीमों की छापेमारी के दौरान पर्सियन कार्पेट्स ग्रुप (शब्बीर खान), आशादीप ग्रुप (अनिल गुप्ता) और प्रेम कार्गो लॉजिस्टिक्स (अशोक जैन) अपने-अपने आवासों पर ही मौजूद हैं। कार्रवाई में 150 से अधिक आयकर अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। टीमों को तीनों कारोबारियों के अब तक 24 लॉकर मिले हैं। उनके लिए वारंट जारी किए गए हैं।
500 रुपए के फटे नोट मिले:-
इनकम टैक्स टीम कारोबारियों के ठिकानों से मिले गहनों का मूल्यांकन कर रही है। 500 रुपए के कई फटे नोट के टुकड़े भी मिले हैं। माना जा रहा है कि यह हवाला लेन-देन के आपत्तिजनक सबूत हैं। मोबाइल, कम्प्यूटर, लैपटॉप जैसे डिजिटल उपकरणों को भी जब्त कर जांच की जा रही है।
कारपेट बिजनेस में स्टॉक निल पाया गया:-
समूह की 34 रियल एस्टेट योजनाओं से प्राप्त कुल रकम से संबंधित डॉक्युमेंट मिले हैं। बैंक खातों से घोषित रकम से तुलना कर जांच की जा रही है। कारपेट बिजनेस में स्टॉक निल पाया गया है, जिससे बिक्री टर्नओवर संदिग्ध होने की पुष्टि होती है। दुबई में बेहिसाब निवेश करने के डॉक्युमेंट भी मिले हैं। जयपुर के दो दलालों को दुबई में निवेश व्यवस्था करने में शामिल कर जांच के दायरे में लिया गया है। वारंट जारी कर उनके ठिकानों पर भी सर्च किया जा रहा है।
तीनों ग्रुप का है कनेक्शन:-
इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पिछले काफी समय से सूचना मिल रही थी कि तीनों ग्रुप से जुड़े बिजनेसमैन लंबे समय से टैक्स चोरी कर रहे हैं। आईटी विभाग की इन्वेस्टिगेशन टीम की जांच के बाद रेड की कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इनकम टैक्स विभाग की जांच में यह भी सामने आया है कि तीनों ग्रुप आपस में एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसके बाद डिपार्टमेंट की ओर से तीनों समूहों से जुड़े ठिकानों पर कार्रवाई की गई।