बीकानेर, प्रदेश में महज 10 दिन के भीतर तीसरे पुलिसकर्मी ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मामला जैसलमेर के पोकरण से जुड़ा हुआ है। यहां एक कांस्टेबल ने रविवार को होटल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे पहले चूरू के राजगढ़ थानाप्रभारी और दौसा के सैंथल थाने में कार्यरत हेड कांस्टेबल ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। दूसरी तरफ बीकानेर के सेरुणा थानाप्रभारी की सोमवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई।
जैसलमेर के पोकरण में कांस्टेबल मायाराम मीणा ने रविवार रात को करीब 9.30 बजे एक होटल में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है। मायाराम पावर ग्रिड में ड्यूटी पर कार्यरत था। पावर ग्रिड कंपनी वालों ने उसके आत्महत्या की सूचना पुलिस को दी। इस पर पोकरण पुलिस मौके पर पहुंची. सूचना पर पुलिस अधीक्षक डॉ. किरण कंग भी पोकरण पहुंची और घटनास्थल का जायजा लेकर पूरे मामले की जानकारी ली। आत्महत्या के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हुआ है।
23 मई को चूरू के राजगढ़ थानाप्रभारी विष्णुदत्त विश्नोई ने अपने सरकारी क्वार्टर में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। विश्नोई ने आत्महत्या से पहले लिखे दो सुसाइड नोट में दवाब का जिक्र किया था। वहीं उसके बाद हाल ही में 29 मई को दौसा के सैंथल पुलिस थाने में कार्यरत हेड कांस्टेबल गिरिराज प्रसाद ने थाने में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। लगातार हो रही इन घटनाओं से पुलिस महकमा सदमे में है।
बीकानेर के सेरुणा थानाधिकारी सीआई गुलाम नबी (36) का सोमवार को सुबह हार्ट अटैक से निधन हो गया। थानाधिकारी नबी सुबह वॉक करने के लिए घर से निकले थे। इस दौरान वे रास्ते में अचेत होकर गिर पड़े. लोगों ने उनको अचेत अवस्था में बीकानेर पीबीएम अस्पताल पहुंचाया।
वहां चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया, नबी की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। सूचना पर एडिश्नल एसपी पवन मीणा और सीओ पवन भदौरिया अस्पताल भी पहुंचे और मामले की जानकारी ली। नबी करीब 6 माह से सेरुणा थाने में पदस्थापित थे। इससे पहले वे बीकानेर जिले में कई थानों में थानाप्रभारी रह चुके थे।