नई दिल्ली, कोरोना वायरस को लेकर पाकिस्तान की तैयारियों की पोल पूरी दुनिया के सामने खुल गई है। पाकिस्तान-ईरान बॉर्डर पर कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से बनाए गए आइसोलेशन कैंप में इंसानों की जिंदगी जानवरों से भी बदतर हो चुकी है। यहां पसीने और मानव मल की बदबू के बीच 6000 से ज्यादा लोगों की जिंदगी के साथ सुविधाओं के नाम पर मजाक हो रहा है। यह आइसोलेशन कैंप पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ताफतान शहर में बनाया गया है। ईरान से पाकिस्तान में दाखिल होने वाले लोगों को कोरना वायरस के डर से यहीं ठहराया गया है। चीन और इटली के बाद ईरान में कोरोना वायरस का प्रकोप सबसे ज्यादा देखने को मिला है। इसी कैंप में तकरीबन दो हफ्ते बिताने वाले मोहम्मद बकीर ने कैंप में लोगों की तंगहाली बयां की है। बकीर ने बताया कि यहां सैनेटाइज की सुविधा तो दूर की बात है साफ-सुथरे टेंट, टॉयलेट, तौलिया और चादर तक को लोग तरस रहे हैं।
बकीर ने कहा, ‘मैंने अपनी पूरी जिंदगी में किसी जगह पर इससे ज्यादा गंदगी नहीं देखी है। वो दो हफ्ते मेरी जिंदगी के सबसे बुरे दिन-रात थे। इस कैंप में इंसानों के साथ जानवरों से भी ज्यादा बुरा सुलूक हो रहा है।