कोरोना महामारी के बीच कचरे के भाव बिक रहा तेल

नई दिल्ली, दुनिया भर में कोरोना महामारी के बीच तेल उद्योग आने वाले सप्ताह और महीनों में तेल स्टोर करता रहेगा क्योंकि तमाम देशों में तेल समेत प्राकतिक संसाधनों की खपत कम हो गई है। दुनिया भर में कोरोना वायरस के कहर के बीच जल्द ही तेल के भंडारण से जुड़ी गंभीर समस्या सामने आ सकती है। विश्लेषकों का कहना है कि दुनिया में कुछ महीनों में ही अतिरिक्त तेल को जमा करने की जगह नहीं रह जाएगी क्योंकि तेल की वैश्विक मांग में भारी गिरावट के बावजूद सऊदी अरब अपना तेल उत्पादन बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
चीन में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जनवरी महीने में बड़े औद्योगिक इलाकों में तमाम रिफानरियों के बंद होने के बाद से दुनिया भर के तेल भंडार केंद्र औसतन तीन-चौथाई भर चुके हैं।
एनर्जी कंसल्टेंसी रिस्टैड एनर्जी के विश्लेषकों के मुताबिक, कनाडा में घरेलू उत्पादन की वजह से सारे तेल भंडार भरने में बस कुछ दिन का फासला रह गया है। जल्द ही वह तेल भंडारण की समस्या का सामना करेगा और दुनिया के बाकी देशों को भी कुछ ही महीनों में ऐसी चुनौती से जूझना पड़ेगा।
विश्लेषकों को उम्मीद है कि पश्चिमी कनाडा में तेल के प्रचुर भंडार वाले इलाकों को महीने के अंत तक अपना उत्पादन 400,000 बैरल प्रति दिन तक घटाना होगा। रिस्टैड के एक विश्लेषक थॉमस लिलीज के मुताबिक, इस वक्त के हालात इस बात को लगभग साबित करते हैं कि इस साल रेल द्वारा कच्चे तेल के रेल निर्यात में भी भारी गिरावट होगी। इसके अलावा, कई ऑयल सैंड्स माइनिंग प्रोजेक्ट भी स्थगित होंगे।