खाजूवाला, खाजूवाला क्षेत्र में सरसों की फसल में पानी देने के बाद कुछ खेतों में सरसों की फसल खराब हुई है। जिसकी शिकायत मिलने पर उपनिदेशक कृषि विस्तार जिला परिषद बीकानेर से कैलाश चौधरी ने कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के वैज्ञानिकों के दल के साथ खेतों में जांच हेतु भ्रमण किया।
कृषि वैज्ञानिकों ने भ्रमण के द्वारा पौधे एवं मृदा सहित पौधों के नमूने लिये। इन नमूनों का प्राथमिक जांच हेतु प्रयोगशाला में जांच की जाएगी। प्रथम दृष्टया सरसों फसल में प्राथमिक लक्षणों से बेक्टीटीयल ब्लाइट बीमारी प्रतीत हो रही है। वैज्ञानिकों के उपचार हेतु कृषकों निदान बताया है। वही संपूर्ण जानकारी के उपरांत ही पता चल पाएगी। कृषकों को खेतों में स्ट्रप्टो साइक्लिन 15 ग्राम, कॉपर ऑक्सी क्लोराइड 200 ग्राम तथा एम 45 200 ग्राम 100 लीटर पानी में घोलकर फसलों में ड्रेंच करने हेतु निर्देशित किया गया है। जांच दल में क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान डॉ शीशराम यादव के अलावा वैज्ञानिक डॉ दाताराम, डॉ हनुमान प्रसाद, डॉ रणवीर यादव, कृषि अधिकारी भेराराम गोदारा व पृथ्वीराज मौजूद रहे। फील्ड भ्रमण के दौरान जांच दल ने मंडी प्रांगण में कृषकों से संवाद कर बीमारी के निदान के बारे में बताया।