खाजूवाला, ग्राम पंचायत 17 केवाईडी में प्रशासन गाँव के संग अभियान के तहत कैम्प का आयोजन हुआ। जिसमें प्रेरको ने नियमित करने व बकाया मानदेय दिलवाने के लिये ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी प्रभजोत सिंह गिल, तहसीलदार गिरधारी सिंह व विकास अधिकारी राजेन्द्र जोइया को दिया। प्रेरक परमानन्द जोधावत ने बताया कि अगस्त 2004 में प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक महिला व एक पुरूष दो प्रेरक मात्र 700 रुपये मानदेय पर लगाये गये थे।जिनको वर्ष 2008-09 में हटा दिया गया था।थोड़े समय बाद उन प्रेरकों को दो हजार रुपये मानदेय से पुनः समायोजन किया गया था। परन्तु 31मार्च 2018 से प्रेरकों के हटाने से राजस्थान में 17000 हजार प्रेरक बेरोजगार हो चुके हैं। वहीं प्रेरकों का काफी मानदेय भी बकाया पड़ा हैं। प्रेरक विष्णुदत्त बिश्नोई ने बताया कि प्रेरक साक्षरता के साथ-साथ राज्य व केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुचाते थे। मात्र दो हजार रुपये मानदेय पर कार्य करने वाले प्रेरकों के बेरोजगार होने से भारी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार व विकास अधिकारी को ज्ञापन देकर प्रेरकों को नियमित करने व बकाया मानदेय भुगतान दिलवाने की माँग की गई।