बिना दहेज की शादी हुई संपन्न, वर पक्ष ने दुल्हन को ही माना सबसे बड़ा दहेज,


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खाजूवाला, 17 केवाईडी ग्राम पंचायत के चक 18 केवाईडी में दहेज की परंपरा को तोड़ते हुए बिना दहेज की शादी संपन्न हुई। इस अनूठी पहल का बिश्नोई समाज के लोगों ने भी काफी सराहा। खाजूवाला क्षेत्र के चक 18 केवाईडी में कमलेश सहारन की पुत्री कुसुम की शादी में दिए गए दहेज को लड़के वालों ने दहेज लेने से मना कर दिया। सोमवार रात्रि को रायसिंहनगर के भरुवाला से खाजूवाला के 18 केवाईडी पहुंची बारात में मंगलवार सुबह जब शादी की परंपरा निभाई जा रही थी उस समय एक पिता के द्वारा कन्यादान देते हुए 11लाख की नगदी दी गई। लेकिन वर पक्ष ने उस रकम को लेने से साफ मना कर दिया। वह दहेज के नाम पर सिर्फ 1रूपया व नारियल ही लिया गया। दूल्हा कपिल के पिता निहालचंद बिश्नोई ने कहा कि हमें दहेज के रूप में सिर्फ बहु चाहिए। इस बेटी रूपी बहु को ही हम सबसे बड़ा दहेज मानते हैं। वहां मौजूद बराती तथा शादी में आए हुए अनेक रिश्तेदार तथा आसपास के लोगों ने भी समाज में दहेज प्रथा की कुरीतियों को बंद करने के इस निर्णय की काफी सराहना की गई। बिना दहेज के इस शादी समारोह में खाजूवाला के पूर्व विधायक एवं संसदीय सचिव डॉ विश्वनाथ मेघवाल सहित अनेक गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।