बीकानेर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल के टीचर्स के लिए अलग कैडर बनाने की घोषणा करके इन स्कूल को सामान्य सरकारी स्कूल से पूरी तरह अलग रखने की मंशा जता दी है। इस घोषणा के बाद तय हो गया है कि आने वाले वक्त में सामान्य और महात्मा गांधी स्कूल के टीचर्स का परस्पर ट्रांसफर नहीं हो सकेगा। इतना ही नहीं इन स्कूल के टीचर्स की योग्यता भी अलग–अलग हो सकती है।
महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल टीचर्स के नए कैडर में प्रमोशन के अवसर अधिक होंगे। राज्य में महात्मा गांधी स्कूल की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में वहां हेड मास्टर, प्रिंसिपल और लेक्चरर की जरूरत होगी। आने वाले वक्त में जब स्कूल प्रमोट होंगे तो इन पदों की संख्या बढ़ेगी। तब उन्हीं टीचर्स को प्रमोशन मिलेगा, जो इस कैडर में है।
कैसे होगा चयन :–
फिलहाल महात्मा गांधी स्कूल में टीचर्स का सामान्य स्कूल से ट्रांसफर हुआ है। आने वाले समय में संभव है कि इन टीचर्स को महात्मा गांधी स्कूल के लिए अलग से चयनित किया जा सकता है। शुरूआत में सरकारी स्कूल के टीचर्स का विशेष चयन करके उनका कैडर बदला जा सकता है। एक बार कैडर बदलने के बाद वापस सामान्य स्कूल में नहीं जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने दस हजार टीचर्स को लेकर भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने इन टीचर्स की अलग से भर्ती को लेकर कोई बात नहीं की। ये तय नहीं है कि दस हजार टीचर्स अलग से भर्ती होंगे या REET के माध्यम से होंगे। इतना तय है कि बीएड व डीएलएड के साथ ही इनकी योग्यता में अंग्रेजी अवश्य होगी।
इसलिए नए कैडर की जरूरत :–
ट्रांसफर के दौरान कई ऐसे टीचर्स भी इन स्कूल में पहुंच जाते हैं, जो अंग्रेजी पर कमांड नहीं रखते। सिफारिश के तौर पर होने वाले ट्रांसफर से इन स्कूल की छवि भी बिगड़ सकती है। राज्य में पहले भी आधा दर्जन स्कूल अंग्रेजी माध्यम के थे। सामान्य टीचर्स के ट्रांसफर के चलते ये स्कूल अपनी छवि बनाकर नहीं रख सके। बीकानेर का गंगा चिल्ड्रन स्कूल इसका बड़ा उदाहरण है।