खाजूवाला को अनूपगढ़ में नहीं जोड़ा जाएगा इसके लिए अगर आंदोलन करना पड़ा तो करेंगे-डॉ विश्वनाथ मेघवाल

खाजूवाला, अनूपगढ़ को नया जिला बनाने के बाद अब खाजूवाला को भी जिला बनाने की मांग उठने लगी है। वही खाजूवाला को अनूपगढ़ से नहीं जोड़ने की मांग भी पुरजोर तरीके से सामने आने लगी है। खाजूवाला के बिश्नोई धर्मशाला में रविवार को भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक आयोजित हुई।बैठक में अनेको जनप्रतिनिधि तथा सामाजिक संस्थानों के पदाधिकारी मौजूद हुए। इस बैठक में डॉ विश्वनाथ मेघवाल भी उपस्थित रहे।


भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष थान सिंह भाटी ने हाल ही में अनूपगढ़ को नया जिला बनाया गया है जिससे लोगों का यह कयास है कि खाजूवाला को अनूपगढ़ में जोड़ा जाएगा। लेकिन अगर खाजूवाला अनूपगढ़ के साथ जुड़ता है तो खाजूवाला के लोगो को भारी परेशानी होगी। क्योंकि शिक्षा विभाग के डायरेक्टर बीकानेर बैठते हैं, कोलोनाइजेशन जमीन के अलॉटमेंट के मामले में कमिश्नर बीकानेर बैठते हैं। कोर्ट के अधिकतम मामले बीकानेर हैं। वहीं चिकित्सा के मामले में पीबीएम राजस्थान में बहुत बेहतरीन हॉस्पिटल है जो बीकानेर में है। हर वर्ग के लोगों को बीकानेर की आवश्यकता रहती है। वही बीकानेर सभी के लिए सुविधाजनक है। वही अनूपगढ़ के साथ खाजूवाला की जनता नहीं जाना चाहती। क्योंकि सरकार वादे कर रही है, घोषणाएं कर रही है। लेकिन इनके पास लगाने के लिए स्टाफ नहीं है। जब से पूगल पंचायत समिति बनी है तब से पूगल वह खाजूवाला में एक ही विकास अधिकारी की नियुक्ति है जिसके चलते लोगो के काम नही हो रहे है। अगर फिर भी खाजूवाला को अनूपगढ़ के साथ जोड़ा गया तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा।


पूर्व संसदीय सचिव डॉ विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि कुछ समय से जब से बजट चल रहा है मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार द्वारा रेवड़ियाँ बांटी जा रही है। बिना किसी प्रावधान के बजट में घोषणा की जा रही है। इसी तर्ज पर राजस्थान में 19 जिले नए बनाने की घोषणा की गई है। कांग्रेस सरकार आगामी चुनाव को देखते हुए जनता को लुभावने लालच दे रही है। वही अनूपगढ़ नया जिला बनने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि खाजूवाला व छतरगढ़ को अनूपगढ़ जिले में मिलाया जाएगा। हालांकि अभी तक किसी प्रकार की एडवाइजरी जारी नहीं की गई है। ना ही किसी अधिकारी ने कोई बयान दिया है। इस विषय पर रविवार को बैठक रखी गई। जिसमें सभी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं तथा आमजनों से राय ली गई है। वही राय मशवरा के बाद यह तय किया गया है कि खाजूवाला व छतरगढ़ को बीकानेर जिले में ही रखा जाएगा। इसके लिए अगर आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी तो निसंदेह आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन किया जाएगा।


बैठक में प्रधान प्रतिनिधि धर्मपाल बिरड़ा, दलीप जालंधरा, राकेश चितलांगिया, थानसिंह भाटी, भंवर दास स्वामी, सीसीबी चेयरमैन भगीरथ ज्याणी, जितेंद्र थापन, लाजपत थोरी, धर्मपाल डारा, एडवोकेट भूपेंद्र सिंह, एडवोकेट मक्खन सिंह राठौड़, राजकुमार यादव, जगदीश गोठवाल, सतपाल मेघवाल, कुंदन सिंह राठौड़, ओमप्रकाश सारण, प्रशांत सियाग, देवीलाल लिंबा, भूप राम थोरी, देवी सिंह, अमित ज्याणी व सुनील सहित अलग-अलग क्षेत्रों से आए दर्जनों पदाधिकारी उपस्थित रहे।