कर्नाटक सेक्स स्कैंडल : पूर्व PM देवगौड़ा का पोता फंसा, BJP नेता ने पहले ही हाईकमान को लिखी थी चिट्ठी : 2976 अश्लील वीडियो…

R.खबर, ब्यूरो। 26 अप्रैल 2024 को कर्नाटक की हासन लोकसभा सीट पर वोट डाले गए। यहां से पूर्व PM एचडी देवगौड़ा के 33 साल के पोते प्रज्वल रेवन्ना चुनाव लड़ रहे हैं। वोटिंग से पहले सोशल मीडिया पर 200 से ज्यादा अश्लील वीडियो वायरल हुए। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वायरल वीडियो में दिख रहीं महिलाएं खुद को छोड़ने की गुहार लगाती हुई रो रही हैं और प्रज्वल वीडियो शूट कर रहे हैं।

बीजेपी नेता देवराज ने दावा किया कि प्रज्वल के पेन ड्राइव में 2900 से ज्यादा अश्लील वीडियो हैं। फिलहाल प्रज्वल विदेश में हैं। कहा जा रहा है कि वोटिंग के बाद वे जर्मनी रवाना हो गए। इस स्टोरी में महिला मेड, सरकारी अधिकारी और नेताओं से यौन शोषण करने के आरोपी पूर्व PM देवगौड़ा के पोते की प्रोफाइल जानते है।

सबसे पहले जानिए पूर्व PM देवगौड़ा के परिवार से जुड़े सेक्स स्कैंडल की कहानी
वायरल वीडियो को लेकर रेवन्ना के घर काम करने वाली मेड ने एचडी रेवन्ना (67) और उनके बेटे प्रज्वल रेवन्ना (33) के खिलाफ 28 अप्रैल को केस दर्ज करवाया है। महिला मेड ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि एचडी रेवन्ना पत्नी के घर पर नहीं होने पर उसे और अन्य महिला कर्मचारियों को कमरे में बुलाते रहते हैं।
रेवन्ना के घर में 6 महिला कर्मचारी काम करती हैं। इतना ही नहीं, देवगौड़ा के पोते और एचडी रेवेन्ना के बेटे प्रज्वल रेवन्ना के घर में आने पर वहां काम करने वाली सभी महिलाएं डरी और सहमी रहती हैं।
महिला के मुताबिक, जब रेवन्ना की पत्नी घर पर नहीं होती थीं, तब वो स्टोर रूम में बुलाते थे और फल देने के बहाने गंदे तरीके से छूते थे। साड़ी के पिन निकालकर यौन शोषण करते थे। वहीं, जब महिलाएं किचन में काम कर रही होती थीं, तब प्रज्वल उनके साथ जबरदस्ती करते थे। महिला ने यहां तक दावा किया कि प्रज्वल उनकी बेटी को वीडियो कॉल करके फ्लर्ट करने की कोशिश करते थे। इसके बाद उनकी बेटी ने प्रज्वल का नंबर ब्लॉक कर दिया था।
महिला ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि उसे और उसके परिवार की जान को खतरा है। इस मामले में प्रज्वल के चाचा और पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि 3 दिन पहले ये वीडियो किसने जारी किए। इन्हें पहले क्यों नहीं लाया गया। सच सामने आना चाहिए। जो भी गलत होगा, उसे देश के कानून के मुताबिक सजा भुगतनी होगी।

पुलिस ने महिला की शिकायत पर धारा 354ए, 354डी, 506, 509 में केस दर्ज किया है। पीड़िता ने रेवन्ना और प्रज्वल पर 2019 से 2022 तक यौन शोषण करने का आरोप लगाया है। वहीं, कर्नाटक के CM सिद्धारमैया ने जांच के लिए ADGP वीके सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यों वाली SIT बना दी है।

प्रज्वल के दादा PM, चाचा CM और पिता मंत्री रहे हैं:-

33 साल के प्रज्वल रेवन्ना गौड़ा जनता दल सेक्युलर (JDS) सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ​​​​परिवार के तीसरी पीढ़ी के सदस्य है। रेवन्ना का जन्म 5 अगस्त 1990 को कर्नाटक के हासन में हुआ था। यह वह दौर था, जब देश में मंंडल और कमंडल की राजनीति जोर पकड़ रही थी।
अब तक कर्नाटक की राजनीति में देवगौड़ा एक बड़ा नाम हो चुके थे। 1994 में देवगौड़ा जनता दल के अध्यक्ष बने और उनके नेतृत्व में कर्नाटक में जनता दल की सरकार बनी। दिसंबर 1994 में देवगौड़ा राज्य के 14वें सीएम बने।
2018 में प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना भी राज्य सरकार में मंत्री बने। उनके चाचा एचडी कुमारस्वामी भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनकी मां भवानी रेवन्ना, हासन जिला पंचायत सदस्य थीं। भाई सूरज रेवन्ना एमएलसी हैं।

दादा देवगौड़ा को चुनाव जिताने पढ़ाई छोड़ ऑस्ट्रेलिया से लौटे कर्नाटक:-

2014 में प्रज्वल रेवन्ना ने बैंगलोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह ऑस्ट्रेलिया चले गए। प्रज्वल की गहरी रुचि राजनीति में थी। शायद इसी वजह से कुछ महीने बाद ही पढ़ाई छोड़कर वह 2014 लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए वापस देश लौट आए। इस चुनाव में प्रज्वल ने अपने दादा देवगौड़ा को लोकसभा चुनाव जिताने के लिए खूब पसीना बहाया।
परिणाम ये हुआ कि देवगौड़ा ने हासन सीट से लगातार तीसरी बार जीत हासिल की। इसके बाद से प्रज्वल राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हो गए। अगले ही साल 2015 में प्रज्वल को कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन, यूके द्वारा भारत के 10 युवा एस्पायरिंग पॉलिटिशियन के रूप में चुना गया था।

जिस सीट पर दादा के लिए चुनाव प्रचार किया, बाद में वहीं से सांसद बने प्रज्वल:-

2018 में प्रज्वल विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन जेडीएस से उन्हें टिकट नहीं मिला। प्रज्वल चाहते थे कि उनके दादा देवगौड़ा 2019 के आम चुनाव में हासन से लोकसभा चुनाव लड़ें, लेकिन एचडी देवगौड़ा ने राजनीति में प्रज्वल की एंट्री करवाने के लिए परिवार के गढ़ हासन की सीट छोड़ दी और तुमकुर से चुनाव लड़ा।
सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा ने खुद घोषणा की थी कि उनके पोते प्रज्वल रेवन्ना हासन लोकसभा सीट से जेडीएस के कैंडिडेट होंगे। इस दौरान भाषण देते हुए देवगौड़ा भावुक भी हो गए थे। देवगौड़ा ने कहा था, ‘मैं हमेशा राजनीति में नहीं रह सकता हूं। प्रज्वल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं और मैंने उन्हें सलाह दी थी कि वो ऑस्ट्रेलिया से एमटेक का कोर्स पूरा करें, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। अब मैं हासन की जनता से अनुमति लेकर प्रज्वल को कैंडिडेट घोषित कर रहा हूं। आप प्रज्वल को प्यार, स्नेह और समर्थन दें।
प्रज्वल ने हासन से चुनाव लड़ा और करीब 1.4 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की। तब 29 साल के प्रज्वल देश के तीसरे सबसे कम उम्र के सांसद बने।

दादा के हारने पर प्रज्वल ने जीती हुई सीट से इस्तीफा दिया:-

2019 में JDS के छह कैंडिडेट्स में से केवल प्रज्वल ही चुनाव जीत सके। इस चुनाव में दादा देवगौड़ा ने भी तुमकुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वो हार गए। इससे दुखी होकर 12 घंटे के भीतर ही प्रज्वल ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि एचडी देवगौड़ा ने पोते प्रज्वल को सलाह दी कि वो इस्तीफा न दें। प्रज्वल ने कहा था कि वे अपने दादा के लिए सीट खाली कर रहे हैं।

इसके बाद जेडीएस विधायक दल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। हालांकि जेडीएस राज्य इकाई के अध्यक्ष एएच विश्वनाथ ने प्रज्वल रेवन्ना के इस्तीफे की पेशकश के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘उनके इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है।’ इसके बाद प्रज्वल हासन से सांसद बने रहे। आगे चलकर 29 नवंबर 2019 को प्रज्वल को JDS का राज्य महासचिव बनाया गया।

अधूरे चुनावी हलफनामा मामले में प्रज्वल को सुप्रीम कोर्ट से राहत:

2019 में हासन सीट पर प्रज्वल के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बीजेपी के उम्मीदवार ने ए. मंजू और वकील जी देवराज गौड़ा ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक-एक याचिका दायर की। इसमें प्रज्वल पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में अपनी प्रॉपर्टी की वास्तविक कीमत छिपाकर चुनाव आयोग को गलत जानकारी दी। प्रज्वल पर करीब 24 करोड़ रुपए की इनकम छिपाने का आरोप लगा। इस मामले में हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2019 को प्रज्वल को समन जारी किया।

1 सितंबर 2023 को हाईकोर्ट के जस्टिस के नटराजन ने फैसला सुनाया और प्रज्वल रेवन्ना के चुनाव को अमान्य और शून्य घोषित कर दिया। हाईकोर्ट के इस फैसले को प्रज्वल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस मामले की सुनवाई सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने की। 18 सितंबर 2023 को बेंच ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच की। इसमें आयोग ने पाया कि हासन की तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर और रिटर्निंग ऑफिसर प्रियंका मैरी फ्रांसिस की जानकारी के आधार पर प्रज्वल का हलफनामा कथित तौर पर अधूरा था। प्रज्वल ने अपने हलफनामे में होलेनरासीपुर में एक खाली जगह का जिक्र किया था, लेकिन उस जगह पर एक इमारत और एक सिनेमाघर था। साथ ही उन्होंने पिछले पांच सालों के लेन-देन और कमाई के उल्लेख में गड़बड़ी की।

पेन ड्राइव में प्रज्वल के 2976 वीडियो: बीजेपी नेता

बीजेपी नेता जी. देवराज गौड़ा ने 8 दिसबंर 2023 को प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को पत्र लिखा था। इसमें देवराज गौड़ा ने प्रज्वल रेवन्ना और उनके परिवार के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे। देवराज गौड़ा ने लिखा कि एचडी देवगौड़ा के परिवार के कई नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिनमें JDS के NDA उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना भी शामिल हैं।

उनका दावा है कि 2976 वीडियो वाली एक पेन ड्राइव है, जिसकी फुटेज में दिख रहीं कुछ महिलाएं सरकारी अधिकारी थीं। इन वीडियो का इस्तेमाल महिलाओं को यौन गतिविधियों में शामिल रहने के लिए ब्लैकमेल करने के लिए हो रहा था। देवराज गौड़ा ने दावा किया कि ये पेन ड्राइव कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के पास पहुंच गई थी। उन्होंने लिखा, ‘अगर हासन लोकसभा सीट से JDS उम्मीदवार को नॉमिनेट करते हैं तो विपक्ष की ओर से इन वीडियो को ब्रह्मास्त्र के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही हम एक ऐसी पार्टी के तौर पर कलंकित होंगे, जो दुष्कर्म करने वाले परिवार के साथ जुड़ी है।’

सेक्स वीडियो स्कैंडल के खुलासे के बाद से JDS में ही प्रज्वल और उनके पिता एचडी रेवन्ना का विरोध हो रहा है। JDS विधायक समृद्धि मंजूनाथ ने प्रज्वल और उनके पिता को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 28 अप्रैल 2024 को जिस दिन उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ, उसी दिन सुबह प्रज्वल बेंगलुरु से जर्मनी के फ्रैंकफर्ट के लिए रवाना हो गए।