जयपुर: इस जगह पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर पर छापेमारी कर 2 युवतियों सहित 5 साइबर ठगों को किया गिरफ्तार

R.खबर ब्यूरो। जयपुर, शहर में बढ़ती साइबर ठगी की वारदातों को लेकर जयपुर नॉर्थ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। जानकारी के अनुसार शहर की विद्याधर नगर थाना पुलिस ने ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत कार्रवाई को अंजाम दे फर्जी कॉल सेंटर के जरिए ठगी करने वाली शातिर गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गैंग में शामिल 2 युवतियों सहित 5 साइबर ठगों को भी गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने गोल्डन टावर स्थित ऑफिस में छापेमारी कर फर्जी कॉल सेंटर खोल साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। जानकारी के अनुसार पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अविनाश, लोकेश, दुर्गेश, कुमारी ज्योति और कुमारी शकुंतला को गिरफ्तार किया। पुलिस ने ठगों से 3 लैपटॉप, 6 मोबाइल, प्रिंटर, राउटर और अन्य उपकरणों के साथ ही 10 मोबाइल सिम भी बरामद की है। डीसीपी जयपुर नॉर्थ राशि डोगरा डूडी ने बताया कि प्रदेश में बढ़ रही साइबर ठगी पर लगाम कसने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।

जानकारी के अनुसार गिरोह के सदस्य फर्जी वेबसाइट बनाकर ई–मित्र सेवा का कार्य AEPS, अकाउंट ओपनिंग फॉर्म, BBPS, बैलेंस इंक्वायरी, मिनी स्टेटमेंट, मनी ट्रांसफर, आधार अपडेट संबंधी कार्यों की सेवा देने के नाम पर ई–मित्र संचालकों से फोन कर वेबसाइट पर काम करने पर अधिक मुनाफा कमाने का लालच देते। ग्राहकों से बातचीत कर उनको जाल में फसाने का काम गैंग में शामिल कुमारी शकुंतला, कुमारी ज्योति राठौड़ और दुर्गेश शर्मा द्वारा किया जाता।

सदस्य बनने के लिए प्रोसेसिंग फीस लेकर वेबसाइट पर अकाउंट क्रिएट किया जाता। उसके बाद ग्राहकों को वेबसाइट के अकाउंट में राशि जमा करवा कार्य करने का ऑफर देकर सिल्वर प्लान के तहत 10 हजार रुपए, गोल्ड प्लान के तहत 25 हजार रुपए और डायमंड प्लान के तहत 30–35 हजार रुपए वेबसाइट खाते में जमा करवाने के लिए कहा जाता। सिल्वर प्लान के तहत 3%, गोल्ड प्लान के तहत 10% और डायमंड प्लान के तहत 20 से 25% के कमीशन का लालच ग्राहक को दिया जाता। 

बताया जा रहा है कि खातों में राशि आने के बाद जिस सिम के माध्यम से ग्राहकों से संपर्क किया जाता उस सिम को गिरोह बंद कर देता। गिरोह द्वारा ऑनलाइन साइबर फ्रॉड करने में जिन सिम कार्ड और बैंक खातों का प्रयोग किया जा रहा था उनके खिलाफ राजस्थान और अन्य राज्यों में साइबर पोर्टल पर 50 से अधिक शिकायतें रजिस्टर्ड हैं।

फाइनल वीओ– पुलिस के हत्थे चढ़े गिरोह का सरगना अविनाश सैनी है। जिसने अन्य लोगों को अपने साथ लेकर इस फर्जी कॉल सेंटर का संचालन किया। आरोपी अब तक करोड़ों रुपए की साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। गिरफ्त में आए आरोपियों से लगातार पूछताछ जारी है इसमें कई वारदातों का खुलासा होने की संभावना है। आरोपियों से बरामद किए गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और अन्य उपकरणों की भी जांच की जा रही है।