खाजूवाला, पंजाब में स्थित आईजीएनपी नहर के निर्माण कार्य को लेकर 68 दिनों की नहर बंदी अब समाप्त हो गई है। हरिके बैराज से 7200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शनिवार शाम तक लोहगढ़ हैड पर यह पानी पहुंचा। 31 मई तक बिरधवाल हैड पर पानी पहुंचने की संभावना है। वरीयता अनुसार सभी नहरों में एक बार पेयजल पानी छोड़ा जाएगा। ज्ञात रहे कि 68 दिनों की नहर बंदी के चलते क्षेत्र में पानी की बड़ी किल्लत आ रही है। ऐसे में 3-4 जून के आसपास खाजूवाला क्षेत्र में पेयजल पानी पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने आईजीएनपी निर्माण कार्य का निरीक्षण किया।
जल संसाधन खंड छतरगढ़ अधीक्षण अभियंता रामसिंह ने बताया कि यह एक ऐतिहासिक नहर बंदी थी। जिसमें कई किलोमीटर तक नहर का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। हरियाणा में स्थित आईजीएनपी की 520 से 555 आरडी तक संपूर्ण कार्य करवाया जा चुका है। राजस्थान की 555 आरडी से 671 आरडी तक लाइनिंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। आईजीएनपी की मुख्य 0 आरडी से 200 तक करीब 50 किलोमीटर तक लाइनिंग व बैड का कार्य राजस्थान के सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में पूर्ण हो चुका है। पंजाब की स्थित राजस्थान केनाल के 370 आरडी के पास नहर के धसने की सूचना मिली है। जिसके बाद हरिके बैराज से पानी कम कर दिया गया है। पंजाब में स्थित आईजीएनपी की 359 से लेकर 496 आरडी तक कार्य करवाया गया है। पंजाब में लगभग 20 किलोमीटर तक नहर का निर्माण कार्य हुआ है। पंजाब में स्थित 370 आरडी के पास अचानक नहर के धसने से विभाग की बड़ी लापरवाही भी सामने आ रही है।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने आईजीएनपी निर्माण कार्य का किया निरीक्षण
