खाजूवाला, कोरोनाकाल के दौरान लोगो में इम्युनिटी की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने औषधी को बढ़वा देने के लिए एक सकारात्मक पहल की है। आमजन के घर-घर तक औषधी पहुंचाने व पौधों को वितरण करने के लिए वन विभाग तैयारी में जुट गया है। मंगलवार को वन विभाग के बीकानेर सीसीएफ ने छतरगढ़ वन मण्डल की तीन नर्सरियों का निरीक्षण किया। मौके पर हो रही तैयारीयों को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
वन विभाग सीसीएफ राजेश कुमार जैन ने छतरगढ़ वन मण्डल की आने वाली बेरियावाली, 61हैड, दन्तोर की नर्सरियों का निरीक्षण के दौरान पौधो के बारे में जानाकरी जुटाई।
गौरतलब है कि ये औषधी पौधे कई रोगों से राहत दिलाने वाले हैं। प्रथम चरण के तहत वन विभाग तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ के पौधे वितरण कर हर परिवार तक पहुंचाया जाएगा।
जैन ने जानकारी देते हुए बताया की वन विभाग के द्वारा एक परिवार को चार प्रकार के 8 पौधे निशुल्क दिए जाएगे। प्रत्येक व्यक्ति को इन पौधों का महत्व भी बताया जाएगा।
पहले चरण में तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ के औषधि पौधे बांटे जाएंगे। जैन ने बताया की घर -घर औषधि योजना सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। जिसमें एक तरफ वनों में पाए जाने वाली औषधीय प्रजातियों का संरक्षण होगा, दूसरी ओर राजस्थान के नागरिकों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
इस तरह के औषधीय पौधे हर घर में लगाए जाने चाहिए जो उन घरों में पीढ़ियों तक चलते रहे। सीसीएफ जैन ने बताया की वैज्ञानिक के शोध पत्रों से भी पता चलता है कि तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा और गिलोय काफी हद तक कोरोना संक्रमित होने से बचाव करते हैं।
खाजूवाला पहुंचे सीसीएफ द्वारा निरीक्षण के दौरान छतरगढ डीएफओ सुरेश आबूसरिया मौके पर मौजूद रहे तथा नर्सरी में तैयार हो रहे पौधों का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान दंतोर, बेरियावाली 61 हैड के क्षेत्रीय वन अधिकारी सहित वन विभाग के कार्मिक मौजूद रहे।