खाजूवाला, श्रीगणेश मंदिर में चल रही श्रीगणेश पुराण कथा के तीसरे दिन के आचार्य गोपालशरण महाराज ने बताया कि व्यक्ति को यदि भगवान को पाना है तो अंहकार को छोड़ कर खुद को भक्त बनाना पड़ता है। भगवान के पास छोटे बच्चे बन कर जाने से मां के जैसे ही प्रभु कृपा सहज ही मिल जाती है। मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु यह अंहकार ही है। विश्वामित्र जी कोभी इसी अंहकार ने त्रिशंकु जैसे व्यक्ति का सहायक बना दिया, जिसके चलते सारे संसार में आज भी उनका कार्य कर्मनाशा नदी के रूप में निंदा को प्राप्त है।
कथा में महाराज ने राजा भीम के प्रसंग के माध्यम से संसार के स्वार्थी रूप का वर्णन किया। हम लोग दुनिया की आशा करते हैं लेकिन सच्चा सुख तो केवल भगवद भक्ति में ही मिलता है। जिसने भगवान का सहारा ले लिया उसे कोई बाधा दुख नहीसता सकता है। यदि भगवान गणेश की कृपा हो तो दक्ष के जैसे ही हमें भी बड़े से बड़े संकट से मुक्ति मिल जाती है। आज की कथा में महाराज जी ने राजा रुक्मांगद की कथा के रूप में भगवान गणेश की अद्भुत कृपा की महिमा का वर्णन किया।
कोषाध्यक्ष विजय खत्री ने बताया कि 17 सितंबर को कोलायत यात्रा के लिए कमेटी का गठन किया गया। उसमें देवकरण शर्मा, कपिल पारीक और राजेंद्र को प्रभारी नियुक्त किया गया है। भक्तों को लाने ले जाने की जिम्मेवारी इन तीनों कमेटी के ऊपर रहेगी और सोमवार को खीर के प्रसाद का वितरण किया गया। मंगलवार को फलों का प्रसाद का वितरण किया जाएगा।