पाकिस्तान का कुख्यात तस्कर मलिक चौधरी ने भेजी थी हेरोइन की कंसाइनमेंट
खाजूवाला, 300 करोड़ के हेरोइन तस्करी मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने पाकिस्तान के लाहौर से ऑपरेट हो रहे हैं सिस्टम का भंडाफोड़ किया है। जिसमें एनसीबी ने अंतरराष्ट्रीय सीमा खाजूवाला क्षेत्र में पाकिस्तान की ओर से आए 300 करोड़ रुपए के हेरोइन की तस्करी के मामले में जांच में तस्कर जसबीर सिंह उर्फ मोमी उर्फ बॉस को गिरफ्तार कर लिया है।
जिसमे पूछताछ में पाकिस्तान की नापाक साजिश का खुलासा हुआ है। सीमा पार से तस्करी के दौरान हेरोइन की डिलीवरी लेने आते समय दबोचे गए दो कोरियर तस्करों से पूछताछ में बॉस नाम सामने आया। इस पर एनसीबी ने बॉस डिकोड कर असली नाम जसबीर सिंह का पता लगाया।
एनसीबी सूत्रों के अनुसार पंजाब के होशियारपुर में जसबीर सिंह को गिरफ्तार किया गया है। सीमा पार से हेरोइन तस्करी के मामले में यह छठी गिरफ्तारी है। इससे पहले तस्करी में लिप्त दो कोरियर तस्कर पंजाब के रूपा और हरमेश के साथ तीन स्थानीय सहयोगी को एनसीबी गिरफ्तार कर चुकी है। एनसीबी अब तक अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी के चलते चल रहे रैकेट की पड़ताल कर रही है।
बता दे कि 3 जून की रात को खाजूवाला क्षेत्र के बंधली सीमा चौकी के पास सीमा सुरक्षा बल ने 56.630 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी। पाकिस्तान की ओर से तस्करों ने पीवीसी पाइप के माध्यम से तारबंदी भेद कर हेरोइन का कंसाइनमेंट भारत सीमा में तस्करों के पास पहुंच आई थी। बीएसएफ की सजगता के चलते भारतीय तस्कर हीरोइन को उठाकर नहीं ले जा पाए। इस मामले की जांच एनसीबी जोधपुर को सौंपी गई थी। बीएसएफ बीकानेर और एनसीपी के तालमेल से जांच आगे बढ़ाई गई जिसमे बड़ी सफलता मिली है।
लाहौर के कुख्यात तस्कर का हाथ
एनसीबी की पूछताछ में जसबीर सिंह उर्फ बॉस ने खुलासा किया कि लाहौर पाकिस्तान के मादक पदार्थ सिंडिगेट ऑपरेट कर रहे तस्कर मलिक चौधरी ने हेरोइन का कंसाइनमेंट भारत भेजा था, यह हेरोइन राजस्थान सीमा से होकर पंजाब जानी थी, एनसीबी अंतरराज्य तस्कर नेटवर्क खंगालने के साथ अंतरराष्ट्रीय तस्करों की प्राथमिकता से जांच कर रहा है।
स्थानीय सहयोगियो को भी पकड़ा
एनसीपी ने हरमेश और रूपा की निशानदेही पर तीन स्थानीय लोगों को भी पकड़ा है। इन तीनों ने तस्करों को रेकी करने और ठहरने में मदद की थी। इसमें 10 केएनडी रावला के राजविंदर पुत्र बलकार सिंह, सुखप्रीत पुत्र राजविंदर सिंह तथा सुनील सिंह पुत्र मेहल सिंह निवासी बरुवाला समेजा कोठी शामिल है। जिन्हें एनसीपी ने पूर्व में गिरफ्तार कर लिया है।
बॉस परिवार सहित था फरार
एनसीबी को सबसे पहले पकड़े गए दो कोरियर तस्कर से बॉस के नाम का पता चला। इसके बाद एनसीबी ने इस नाम को डिकोट किया तो पंजाब के होशियारपुर जिले के गांव बड़ी मैयना के जसबीर सिंह के रूप में पहचान हुई। एनसीपी ने दबिश दी, तब तक गांव से परिवार सहित फरार हो चुका था। करीब 10 दिन तक उसके छिपने के ठिकानों की निगरानी रखकर आखिरकार गुरुवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
यूँ जुड़ती गई कड़ी से कड़ी और पकड़ा गया बॉस
एनसीबी सूत्रों मुताबिक सबसे पहले तस्करी के अगले दिन 4 जून को ग्रामीणों की मदद से फिरोजपुर (पंजाब) के रूपा और फाजिल्का सदर के हरमेश सिंह को दबोचा गया। यह दोनों कोरियर हेरोइन की बॉर्डर पर डिलीवरी लेने आए थे। इनके साथ में फिरोजपुर निवासी काली उर्फ हरमेश पुत्र जोगेंद्र सिंह और गांव बड़ी मैयना होशियारपुर निवासी तस्करों का बॉस उर्फ जसबीर सिंह उर्फ मोमी पुत्र सतनाम सिंह फरार हो गए। एनसीबी ने जसबीर को पकड़ा है। दोनों 2019 में आर्म्स एक्ट, मादक पदार्थ, जेल मैनुअल उल्लंघन जैसी संगीन धाराओं में फरार भी है।