जयपुर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि गांवों के बाद अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य मित्रों के चयन की प्रकिया शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य मित्र चयनित करने काम कोविड के चलते नहीं हो पाया था लेकिन अब इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा, ताकि कोरोना काल में स्वास्थ्य मित्रों की सेवाएं ली जा सके।
डॉ. शर्मा ने बताया कि आमजन को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने व चिकित्सकीय मदद के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 80 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य मित्रों का चयन कर लिया गया है। दूसरे चरण में शहरी क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य मित्रों के चयन का काम प्रारंभ किया जाना था लेकिन कोविड के चलते नहीं कर पाए थे। अब जल्द ही वार्ड वाइज संपूर्ण राज्य के शहरी क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य मित्रों के चयन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में कहीं-कहीं सुपर स्प्रेडर्स के चलते राज्य में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। ऎसे मामलों पर नियंत्रण के लिए सुपर स्प्रेडर्स की जांच पर विशेष फोकस किया जाएगा। उन्होने बताया कि दूध बेचने वाले, सब्जी बेचने, किराना वाले, व्यापारी, डेयरी वाले या जो कोई भी इस श्रेणी में आते हैं, उनकी प्रभावी तरीके से जांच की जाएगी, ताकि संक्रमण का प्रसार रोका जा सके।
राज्य सरकार की कोशिश है कि कोरोनाकाल व सामान्य दिनों में चिकित्सकों की कोई कमी नहीं रहे। इसके लिए 2 हजार डॉक्टर्स की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसमें आने वाली सभी परेशानियों को दूर कर लिया गया है। इन चिकित्सकों की जल्द ही नियुक्ति देने के भी निर्देश दिए जा चुके हैं। इसी तरह 12.5 हजार एएनएम, जीएनएम की भर्ती में करीब 9 हजार को नियुक्ति दी जा चुकी है। शेष मामलों में से करीब 2.5 हजार ऎसे अभ्यर्थियों को चयनित कर उन्हें भी नियुक्ति देने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जो किसी भी तरह से न्यायिक प्रक्रिया से संबद्ध नहीं है।
प्रदेश में कोरोना से पॉजिटिव से नेगेटिव होने वाले मरीजों का रेशो देश के दस बड़े राज्यों में बेहतरीन है। प्रदेश की मृत्युदर भी वर्तमान में तेजी से कम हो रही है। वर्तमान में प्रदेश में 1.4 प्रतिशत मृत्युदर है। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा दिया जा रहा है। 40 हजार की कीमत के जीवनरक्षक इंजेक्शन भी प्र्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं जोकि निशुल्क लगाए जा रहे हैं। सरकार की मंशा यही है कि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति कोरोना के चलते मौत का ग्रास ना बने और ज्यादा से ज्यादा कोरोना मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव होकर सामान्य जीवन को जी सकें। इसके लिए रिकवरी प्रतिशत को भी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
कोरोना काल में प्रदेश में चल रहे सभी राष्ट्रीय कार्यक्रम बदस्तूर जारी रहें। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सभी प्रोटोकॉल की पालना के साथ मातृ-शिशु, टीबी उन्मूलन सहित टीकाकरण व अन्य कार्यक्रम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जा गए हैं।