जयपुर, प्रदेश में आधा दर्जन जिलों में पिछले साल से ही लगातार टिड्डियों का प्रकोप बना हुआ है और इन्हें खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर कीटनाशकों का इस्तेमाल हो रहा है। टिड्डियों को खत्म करने में काम में लिए जा रहे ये कीटनाशक बेहद घातक प्रकृति के हैं जो धीरे-धीरे जमीन में घुल रहे हैं और इनके प्रभाव में आने के बाद फसल का ऑर्गेनिक रह पाना संभव नहीं है।
कीट विज्ञान विशेषज्ञों का कहना है कीटनाशकों के तत्व लंबे समय तक जमीन में मौजूद रहते हैं और उसे दूषित कर देते हैं। इसके साथ ही उपज के लिए जरूरी तत्वों को भी जमीन से खत्म कर देते हैं। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार प्रदेश में ऑर्गेनिक उत्पादों के निर्यात का आंकड़ा भी कम हो सकता है। जैविक खेती के क्षेत्रफल में राजस्थान देश में दूसरे नंबर है,वहीं जैविक उत्पादन में प्रदेश का पांचवां स्थान है ।