सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़े तो उड़े, परन्तु नहीं रूकेगी 8 बजे बाद भी शराब की बिक्री


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17 केवाईडी की दुकान का वीडियो आया सामने, ठेका बन्द कर ऊपर के कमरे से बेच रहे शराब


खाजूवाला, खाजूवाला के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों शराब ठेकेदारों के पोबारा पच्चीस हो रखे है। सरकार के आदेशों की तो मानों ये धज्जियां उठाने के लिए ही ठेका लेते है। सरकार द्वारा निर्धारित समय 8 बजे के बाद तक शराब की दुकानों से खुलेआम बे-खौफ शराब बेचना अब इनकी आदत-सी बन गई है। ऐसे में मुख्यालय पर तैनात पुलिस व आबकारी पुलिस का भय तो मानों इन ठेकेदारों को है ही नहीं।

ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है। जो कि खाजूवाला के चक 17 केवाईडी पुली का बताया जा रहा है। जिसमें 17 केवाईडी पुली पर स्थित शराब की दुकान के ऊपर बने कमरे से खुलेआम शराब बेची जा रही है। यह सिलसिला मात्र एक 17 केवाईडी पुली का नहीं है। अपितू खाजूवाला क्षेत्र में स्थिति सभी शराब की दुकानों का है। इन दुकानों पर कही पर चोरी चुपके तो कहीं खुले आम 8 बजे के बाद शराब बेची जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों का तो ऐसा हाल है कि जहां-जहां ठेका है वहां रात्रि को मानों मेला सा लगा रहता है। ऐसा नहीं है कि प्रशासन व आबकारी पुलिस को इसके बारे में ज्ञात नहीं है। आबकारी पुलिस हमेशा स्टाफ का रोना रो-कर इतिश्री कर देती है। जबकि कौन ठेकेदार रात्रि को कितने बजे तक दुकानें खुली रखता है या चोरी से शराब बेचता है, यह सब जानकारी आबकारी पुलिस को होती है। बावजूद इसके कार्रवाई मानों महज खानापूर्ति ही होती है। अगर क्षेत्र में आबकारी पुलिस, पुलिस व प्रशासन संयुक्त रूप से कार्रवाई करे तो खाजूवाला क्षेत्र में 8 बजे के बाद कहीं कोई शराब की बिक्री नहीं हो। वहीं, ये ठेकेदार रात्रि को 8 बजे के बाद शराब ऑवर रेट पर बेचकर अतिरिक्त रुपए भी लूट रहे है।


एक ठेका दर्जनों ब्रांच:-
खाजूवाला के ग्रामीण क्षेत्रों में दूर दराज कहीं एक खोखा एकांत में पड़ा दिखेगा और उस खोखे पर दर्जनों की भीड़ तो मान लीजिए यह किसी ठेके की ब्र्रांच है। ऐसा सर्व विदित है कि खाजूवाला क्षेत्र में ठेकेदार मात्र 1 दुकान व एक गोदाम तथा एक अन्य दुकान पर शराब बेचने की परमिशन होती है। लेकिन ये ठेकेदार दर्जनों लोगों को ब्रांच आगे देकर शराब बिक्री में मदद करते है। वहीं एक ठेकेदार के पास लगभग एक दर्जन ब्रांचे होती है। कहीं कम भी हो सकती है। लेकिन अधिकतर एक ठेके से कई ब्रांचे चलती है। अब तो ज्ञात हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगहों पर तो परचुन की दुकानों में भी शराब की बिक्री होती है। प्रशासन व आबकारी पुलिस को अपनी जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए ऐसी जगहों से शराब की बिक्री व ग्रामीण क्षेत्रों में खुली ब्रांचों को बन्द करवाकर निर्धारित समय पर ठेका बन्द करने के लिए ठेकेदारों को पाबन्द किया जाए।