बीकानेर में राजपासा की पहली कार्रवाई, तीन और बदमाशों को राजापासा में निरुद्ध कराने के लिए प्रस्ताव तैयार
R. खबर ब्यूरो। बीकानेर, जिला पुलिस ने बदमाशों पर पूरी तरह से शिकंजा कस रखा है। गैंगस्टर रोहित गोदारा के खास गुर्गे दानाराम उर्फ दानिया को जिला पुलिस ने राजपासा में निरुद्ध कराया है। आरोपी पुलिस के लिए लंबे समय से सिरदर्द बना हुआ था। बीकानेर संभाग ही नहीं, प्रदेशभर में किसी हार्डकोर अपराधी को राजपासा में निरुद्ध करने की इस साल की यह पहली कार्रवाई है। पुलिस के अनुसार, दानाराम लूणकरनसर पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर एवं बीकानेर जिले का हार्डकोर है। दानाराम मूल रूप से चूरू जिले के भानीपुरा थाना क्षेत्र के बिल्यूं का रहने वाला है, जो अब लूणकरनसर सुरनाणा रोड वार्ड नंबर दो में रहता है।
गैंगस्टर ठेहट एवं गायक मूसेवाला मर्डर के आरोपियों का दोस्त:-
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अपराधी दानाराम के खिलाफ लूट, डकैती, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट व फिरौती जैसे संगीन 13 मामले दर्ज हैं। दानाराम की राजू ठेहट व मूसेवाला मर्डर के आरोपियों से निजी दोस्ती रही है। आरोपी रोहित गोदारा गैंग का मुख्य सदस्य है।
ऐसे चली प्रक्रिया:-
आरोपी दानाराम के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक बीकानेर ने राजस्थान असामाजिक क्रियाकलाप निवारण अधिनियम, 2006 के तहत जिला मजिस्ट्रेट बीकानेर के समक्ष इस्तगासा पेश किया। इस पर धारा (3) राजपासा एक्ट के तहत अपराधी दानाराम सियाग को निरुद्ध करने के आदेश जारी किए, जिसकी पालना में गुरुवार को आरोपी को गिरफ्तार कर केन्द्रीय कारागृह बीकानेर में दाखिल करवाया गया। पुलिस के अनुसार, जिले में इसी तरह के आदतन हार्डकोर अपराधियों को चिन्हित कर सूची तैयार की जा रही है, जिनके विरुद्ध आगामी दिनों में इस अधिनियम एवं अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इतनों के खिलाफ दो साल में इस्तगासे:-
पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2022 में बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में एक भी सक्रिय बदमाश के खिलाफ राजपासा एक्ट में कार्रवाई करने के लिए एक भी इस्तगासा नहीं पेश किया गया, जबकि चूरू में तीन बदमाशों के खिलाफ पेश किए गए। वहीं वर्ष 2023 में बीकानेर में दो, श्रीगंगानगर में एक, हनुमानगढ़ में चार, एवं चूरू में दो बदमाशों पर राजपासा-एक्ट में कार्रवाई करने के लिए पुलिस ने इस्तगासे जिला कलक्टर के समक्ष पेश किए। इनमें से केवल बीकानेर पुलिस की ओर से हार्डकोर अपराधी हरिओम रामावत को पिछले साल राजपासा में निरुद्ध करवाया गया। शेष इस्तगासे संबंधित जिला कलक्टर एवं कुछ गृह विभाग के पास विचाराधीन हैं।
राजपासा आखिर क्या है ?
लगातार सक्रिय अपराधी, जिससे लोगों में भय पैदा हो रहा हो। पुलिस की निरोधात्मक कार्रवाई के बावजूद भी अपराध करता हो। पुलिस ऐसे व्यक्ति को सरकार राजस्थान समाज विरोध क्रियाकलाप अधिनियम 2006 की धारा 2 (ग) , 2(घ) के तहत 6 माह से एक साल तक जेल में बंद करवा सकती है। इसके लिए एसएचओ की रिपोर्ट पर पुलिस अधीक्षक कलक्टर के समक्ष इस्तगासा पेश करता है, और कलक्टर उसे निरुद्ध करने के आदेश देता है । इसके बाद सात दिन में गृह विभाग को रिपोर्ट भेजता है। दो जजों की कमेटी एसएचओ, एसपी, कलक्टर और अपराधी को बुलाकर उनका पक्ष सुनती है। उसके बाद निर्णय लेती है। कमेटी की सहमति मिलने पर अपराधी को एक साल के लिए जेल में रखा जाता है।
दो अपराधी राजपासा में निरुद्ध:-
राजपासा में कार्रवाई के लिए दो अपराधियों को चिह्नित कर अनुमति देने के लिए इस्तगासे किए गए थे, जिसमें से एक को पिछले साल और एक इस्तगासे में अब मंजूरी मिल गई है। तीन और अपराधियों को राजपासा में निरुद्ध करने के लिए इस्तगासे पेश किए गए हैं, जो जिला कलक्टर एवं गृह विभाग के पास विचाराधीन हैं।
तेजस्वनी गौतम, पुलिस अधीक्षक, बीकानेर।