खाजूवाला, खाजूवाला, कभी आंधी ने मारा, कभी पानी कम ने मारा, कभी टिड्डियों ने मारा तो अब ओलावृष्टि ने मारा, ये है क्षेत्र के किसान की कहानी जो किसान अपने मुख से बया करते हैं। गुरूवार को देर रात्रि और शुक्रवार दिन भर की बरसात और ओलावृष्टि ने क्षेत्र के किसान को हिला कर रख दिया है। खेतों में खड़ी सरसों की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। बरसात और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का जायजा अधिकारियों ने किसानों के खेत पहुंच कर लिया। खाजूवाला मण्डी सीमावर्ती मण्डी होने के साथ-साथ अंतिम छोर की मण्डी भी है, ऐसे में आये वर्ष कोई ना कोई आपदा आने से क्षेत्र का किसान बर्बाद होकर रह जाता है। क्षेत्र के किसानों के सामने इतनी समस्याऐं हैं कि किसान क्या बया करें। कभी राज रूठ जाता है तो कभी राम रूठ जाता है, ऐसे में किसान के पास कुछ उपाय भी नहीं होता। श्रीगंगानगर जिले की अंतिम मण्डी रावला के बाद खाजूवाला मण्डी आती है जो बीकानेर जिला मुख्यालय से 125 किमी दूर होने के कारण खाजूवाला मण्डी हर तरफ से अंतिम छोर है। पानी की बात करें तो गर्मी के दिनों में अंतिम छोर के ऐसे दर्जनों गांव हैं, जहां पेयजल भी नहीं पहुंच पाता। बिजली, ट्रांसपोर्ट, सड़क आदि प्रत्येक क्षेत्र में खाजूवाला का अंतिम छोर का क्षेत्र होने के कारण अक्सर समस्याओं से जूझना ही पड़ता है। नहरों में कम पानी चलता है तो किसान फसल का बिजान नहीं कर पाते और अगर बिजान अच्छा हो गया तो अंतिम बारी पानी न मिलने के कारण अक्सर किसान की फसल सूख जाती है तो किसान की पूरे साल की मेहनत पर पानी फिर जाता है। पानी भी चला, फसल भी पक गई तो किसान को फसल का भाव नहीं मिलता। पिछले सीमावर्ती क्षेत्र में टिड्डियों का धावा इतना जबरदस्त रहा कि नोखा विधायक बिहारी लाल को टिड्डियों का टोकरा भर कर विधान सभा लेकर जाना पड़ा।
टिड्डियों के कहर से किसान अभी अच्छी तरह उभर ही नहीं पाये कि गुरूवार को अचानक मौसम ने पलटा खाया और रात की तेज हवाओं के साथ बरसात का आना शुरू हुआ जो लगातार शुक्रवार सायं तक जारी रहा। बरसात के साथ ओलावृष्टि होने के कारण किसानों के खेतों में खड़ी सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ। सरसों की फलियां झड़ गई और सरसों के दाने जमीन पर गिर गये। सरसों की फसल इस बार क्षेत्र में बम्पर होने के कारण किसानों को अच्छी उम्मीद जगी थी। लेकिन बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सरसों की फसल के साथ-साथ चना, गेहूं की फसल को भी बरसात और ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ। औलावृष्टि से 22 केवाईडी, 17 केवाईडी, 37 केवाईडी, सीमावर्ती क्षेत्र के विभिन्न चकों, 13 केवाईडी, 5 पीएचएम, केजेडी के विभिन्न दर्जनों चकों में किसान के खेत में खड़ी सरसों, गेहूं तथा चना की फसल को नुकसान हुआ है।
खाजूवाला क्षेत्र पहले टिड्डियों ने पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा में प्रवेश कर सीमावृति क्षेत्र के किसानों की फसलों को खुब तबाह किया था। जिससे चारों ओर टिड्डियों का आतंक देखने को मिलता था। वहीं गुरुवार रात्रि को आई तेज बारिश व ओलावृष्टि से सैकड़ों किसानों की पकी हुई फसलों को खराब किया है। जिसमें ज्यादातर नुकसान सरसों, चना व गेहूँ की फसल को हुआ है। वहीं शुक्रवार प्रात: 4 बजे फिर से बारिश व ओले गिरे तो उन्होंने बची कुची फसल भी नष्ट कर दी। किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों से फसल का मुआवजा दिलवाने की मांग की है।
इस सम्बन्ध में शुक्रवार को उपखण्ड अधिकारी संदीप कांकड़ व नायब तहसीलदार कालूराम ने क्षेत्र का दौरा किया। जिसमें किसानों ने अधिकारी को बताया कि गुरुवार रात्रि को व शुक्रवार प्रात: क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि से पकाव पर खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है। जिसके कारण किसानों भारी सदमा लगा है। किसान बजरंग सारस्वत ने बताया कि रात्रि को हुई बारिश व तेज आँधी से 5 पीएचएम क्षेत्र में खेतों में खड़ी सरसों की फसल गिर गई उसी के बाद हुई ओलावृष्टि इन फसलों पर चार इंत तक जम गई। जिसके कारण सरसों की फसल का दाना झड़ गया। वहीं गेहूँ व चना की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है।
किसान प्रशांत सिहाग ने बताया कि खाजूवाला के पीएचएम क्षेत्र में रात्रि को ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। वहीं किसान पूर्व में टिड्डियों के आतंक व आर्थिक नुकसान से उभरे नहीं थे उससे पहले ही ओलावृष्टि ने किसानों की एक बार फिर से कमर तोड़ दी है। जिसके जिसके कारण किसानों के खेतों में खड़ी सरसों, गेहूँ, चना व तारामीरा की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। 22 केवाईडी सरपंच प्रतिनिधि जीयाराम पूनियां ने बताया कि क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। अब तो प्रशासन व राज्य सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द नुकसान की गिरदावरी बनवाकर मुआवजा दिलवाया जावे। इस मौके पर कृषि विभाग की सहायक उपनिदेशक डॉ. सुनीता झाझरिया ने किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं के बारे में जाना।+
प्रशासन ने यहां किया दौरा
उपखण्ड अधिकारी संदीप काकड़, नायब तहसीलदार कालूराम तथा पटवारी मनफू ल ने शुक्रवार को 5 पीएचएम ए व बी, 13 केवाईडी ए व बी, 15 केवाईडी, 19 केवाईडी ए व बी, 2 पीएचएम ए व बी, 3 पीएचएम ए व बी तथा 4 पीएचएम में किसानों के खेतों में जाकर हालात देखे। इसी के साथ ही किसानों को हर सम्भव मुआवजा दिलवाने का प्रयास करने की बात भी कहीं।
वर्जन
गुरुवार रात्रि को क्षेत्र में ओलावृष्टि हुई है। जिसका सर्वे करवाया जा रहा है। क्षेत्र के कई चकों में ओलावृष्टि से किसानों की फसलें खराब हुई है। सरसों की पकी हुई फसलों में काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। पटवारियों व नायब तहसीलदार को किसानों की फसलों की गिरदावरी करवाने के आदेश दिए गए है। जिसकी रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
संदीप कांकड़
उपखण्ड अधिकारी, खाजूवाला
वर्जन
खाजूवाला में बेेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से खाजूवाला विधानसभा के काश्तकारों को बड़ा नुकसान हुआ है। सरकार को चाहिए कि जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल मौके पर भिजवाए, गिरदावरी के आदेश दें और किसानों को पर्याप्त उचित मुआवजा अविलम्ब दिलाया जाए। इस सम्बंध में सरकार को भी अवगत करवाया जाएगा।
डॉ.विश्वनाथ मेघवाल
पूर्व संसदीय सचिव एवं पूर्व विधायक, खाजूवाला