बीकानेर: प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए शुरू हुआ प्रयोग, सफल रहा तो लगाने होंगे पांच लाख के उपकरण
बीकानेर। खारा गांव में पीओपी फैक्ट्रियाें के कारण हाे रहे वायु प्रदूषण की जांच के लिए पॉल्यूशन कंट्राेल बाेर्ड के दल काे जयपुर से फिर भेजा गया है। इस दल ने एक फैक्ट्री में उपकरण लगाकर प्रयाेग शुरू किया है। यह प्रयाेग सफल रहा ताे प्रदेश की सभी पीओपी फैक्ट्रियाें के लिए गाइड लाइन तय करने में मदद मिलेगी। पॉल्यूशन कंट्राेल बाेर्ड के चीफ इंजीनियर प्रेमालाल, अधीक्षण अभियंता दीपक सिंह तंवर और एक्सईएन अंकुर पाठक के दल ने मंगलवार काे खारा औद्याेगिक क्षेत्र में स्थित पीओपी फैक्ट्रियाें का जाजया लिया।
उन्हाेंने मिनरल जाेन के अलावा खारा के पास प्राइवेट जमीन पर स्थापित पीओपी फैक्ट्रियाें काे भी देखा। हर तरफ पीओपी की गर्द, धूल, गंदगी देख अधिकारी हैरत में पड़ गए। कुछ फैक्ट्रियां चलती हुई मिली, जबकि दल के आने की भनक लगने पर अधिकांश फैक्ट्रियां सुबह बंद कर दी गई थीं। पूरे परिसर में टैंकराें के जरिए पानी का छिड़काव कर धूल काे दबाया जा रहा था।
निरीक्षण के बाद बाेर्ड के सदस्याें ने माना कि प्रदूषण दाे स्तर पर हाे रहा है। एक फैक्ट्रियाें का धुआं और दूसरा वाहनाें के कारण उड़ने वाली पीओपी की धूल। इस पर कंट्राेल करने के लिए फैक्ट्री मालिकाें से बात की। एक फैक्ट्री काे प्रायाेगिक ताैर पर इस्तेमाल किया गया है। वाटर स्क्रबर और डस्ट कलेक्टर लगाए हैं। फैक्ट्री काे लगातार चलाया जा रहा है। बुधवार काे वहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स चैक किया जाएगा। एसई दीपक सिंह का कहना है कि यह प्रयाेग 99 प्रतिशत तक सफल है।
बुधवार काे रिजल्ट आने के बाद गाइड लाइन तय की जाएगी। उसकी पालना के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा। जिसने पालना नहीं की उसकी फैक्ट्री बंद कर दी जाएगी। गाैरतलब है कि खारा में वायु प्रदूषण की जांच के लिए 20 दिन में दूसरी बार पॉल्यूशन कंट्राेल बाेर्ड का दल भेजा गया है। पिछली बार चीफ इंजीनियर के साथ वैज्ञानिक आए थे।