कर्मचारियों ने यूपीएस को लेकर विरोध प्रदर्शन, निकाला पैदल स्वाभिमान मार्च

खाजूवाला, यहां कर्मचारियों ने बुधवार को नई धान मण्डी में सभा का आयोजन किया। सभा में अनेकों वक्ताओं ने यूपीएस व ओपीएस पर अपने-अपने विचार रखे। यह सभा केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई यूपीएस के विरोध में हुई।

वहीं कर्मचारियों ने एक स्वर में ओपीएस की मांग की। इसी के साथ ही कर्मचारियों ने नई धान मण्डी से शहीद ओमप्रकाश बिश्नोई स्मारक तक पेशन स्वाभिमान मार्च निकाला तथा उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। वहीं उपखण्ड अधिकारी प्रतिनिधि को ज्ञापन दिया।


कर्मचारी राजेश तर्ड, प्रेम खालिया, संदीप कुमार आदि ने बताया कि ज्ञापन में लिखा कि राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना ओपीएस यथावत रखी जाए। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के प्रांतीय आव्हान के तहत सभी उपखंड मुख्यालयों पर पेंशन (ओपीएस) स्वाभिमान मार्च निकाला गया। 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सभी कर्मचारी सेवानिवृत के बाद बुढ़ापे की समाजिक सुरक्षा के लिए पेंशन नियम 1996 के तहत राजस्थान में लागू सुपरिभाषित पुरानी पेंशन स्कीम ही चाहते है, और इसे यथावत रखने की मांग करते है।

गत दिनों केंद्रीय कैबिनेट द्वारा एक नई पेंशन योजना (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) को पारित किया गया है और वे योजना एनपीएस कर्मचारियों के लिए विकल्प के रूप में पेश की गई है। केंद्रीय वितमंत्री द्वारा ये सार्वजनिक बयान भी दिया गया है कि ये केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू की जा रही है, राज्य सरकारें चाहें तो अपने यहां इसे लागू करें या न करें। चूंकि वर्तमान में राजस्थान में ओपीएस लागू है, इसलिए यूपीएस जैसी राज्य खजाने लिए महंगी योजना का कोई औचित्य नहीं है।

केंद्रीय कैबिनेट के फ़ैसले के बाद राज्य सरकार की ओर से कोई स्पष्ट बयान न आने से राज्य कर्मचारी आशंकित हो गया है। इसलिए राज्य सरकार की ओर से ओपीएस यथावत रखने की स्पष्ट नीति को जारी रखा जाये। ताकि राज्य कर्मचारी अपने बुढ़ापे को लेकर चिंतित न हो। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) की आकलन समिति का स्पष्ट मत है कि फिलहाल राजस्थान में 2030-32 तक ओपीएस देने से राज्य खजाने पर कोई विशेष भार नहीं आएगा और अगर इसकी तुलना में यूपीएस जैसी स्कीम को एडॉप्ट किया तो राज्य के 5.5 लाख कर्मचारियों के प्रतिमाह वेतन के 18.5 प्रतिशत अंशदान के कारण राज्य को भारी बजट का प्रावधान करना होगा।

राज्य को भारी आर्थिक दबाव झेलना पड़ेगा, प्रतिवर्ष हजारों करोड़ का अंशदान करना होगा। जबकि 2004 के बाद लगे कर्मचारियों को ओपीएस देने से बहुत कम पेंशन बजट देना होगा। इस प्रकार राज्य व कर्मचारी दोनों के हित में ओपीएस को यथावत रखा जाए। प्रदर्शन में सैकड़ो कर्मचारी मौजूद रहे।


इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में शिक्षक व अन्य राज्य कर्मचारी उपस्थित रहे। कर्मचारियों ने नई धान मण्डी में सभा का आयोजन कर नई धान मण्डी से सुसभ्याता से पंक्ति बनाकर पेंशन स्वाभिमान मार्च निकाला। जो मण्डी के मुख्य मार्गों से होते हुए सब्जी मण्डी मीणा मार्केट, मुख्य चौराहा होते हुए शहीद ओमप्रकाश बिश्नोई स्मारक पहुंचे। इसके बाद कर्मचारी उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पहुंचे। यहां कर्मचारियों ने यूपीएस गो बैक के नारे लगाए। वहीं हमारा हक ओपीएस के नारे भी लगाए। इसके बाद कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी प्रतिनिधि इन्द्रजीत को दिया।