-खाजूवाला और छत्तरगढ आन्दोलन का रहेगा असर
-5 सीटों पर सीधा नुकसान पहुंचाने की दे रखी है चेतावनी
-आन्दोलन को मिल रहा बीकानेर के अन्य कस्बों का समर्थन
खाजूवाला, खाजूवाला और छतरगढ़ का आन्दोलन मौजूदा सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकता है और बीकानेर जिले में भारी नुकसान हो सकता है, ऐसा पूगल की सभा में संकेत भी दिया गया था।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब से राजस्थान में नये जिलों का गठन किया है। तब से खाजूवाला और छत्तरगढ में लगातार अनिश्चितकालीन धरना इस बात को लेकर चल रहा है कि हमें बीकानेर से अलग क्यों किया गया। जबकि हमारा वर्षों से बीकानेर जिले से भावानात्मक रिस्ता है। अनूपगढ जिला बनाया गया है, इससे हमें खुशी है। लेकिन खाजूवाला और छत्तरगढ को बीकानेर जिले से अलग कर अनूपगढ़ जिले में शामिल किया गया। जो क्षेत्रवासियों को नागुजार है। जब से जिलों की घोषणा हुई तब से लेकर आजतक खाजूवाला और छत्तरगढ के लोगों ने सडक़ों पर उतर कर विरोध शुरू कर रखा है। लगातार विरोध-प्रदर्शन और सरकार पर इस बात का दबाव भी नजर आ रहा है कि कहीं बीकानेर जिले में नुकसान ना हो जाये लेकिन खाजूवाला और छत्तरगढ को यथावत बीकानेर जिले में रखने की घोषणा मानों हवा शाबित हो रही है।
खाजूवाला और छत्तरगढ में पिछले 53 दिनों से धरना-प्रदर्शन चल रहा है और इसकी पल-पल की जानकारी राज्य के मुखिया अशोक गहलोत तक पहुंची हुई है तथा बड़े लेवल के अधिकारियों को भी पूरी जानकारी है। कांग्रेस संगठन के पास भी विरोध के स्वर पहुंच चुके हैं। वहीं पूगल में क्षेत्र के बाहुल्य वोट बैंक कहे जाने वाले मुस्लिम समाज के प्रमुख लोगों की बैठक हुई तथा रैली निकाल कर नारेबाजी करते हुए उपखण्ड अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपते हुए खाजूवाला और छत्तरगढ को बीकानेर जिले में ही यथावत रखने की मांग की गई। पूगल की बैठक में ये भी कहा गया कि अभी तक एक-एक गांव से मात्र दो-दो मुख्य लोगों को ही बुलाया गया है, अगर सरकार ने जल्दी डी-नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया तो क्षेत्र के समस्त मुस्लिम समाज के लोग एकत्रित होकर 36 कौम के साथ रहेंगे।
लगभग दो माह से खाजूवाला-छत्तरगढ बचाओ संघर्ष समिति के लोग अपना घर छोडक़र सडक़ों पर बैठे हैं और सरकार सब कुछ देख रही है लेकिन समाधान की ओर नहीं बढ़ रही है। जबकि विधानसभा क्षेत्र खाजूवाला के लोगों को अभी भी राज्य के मुखिया पर विश्वास है कि वे आमजन की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए खाजूवाला और छत्तरगढ को बीकानेर जिले में यथावत रखने की घोषणा जरूर करेंगे। अब सीएम 30 सितम्बर को बीकानेर आ रहे हैं, ऐसे में विधानसभा क्षेत्र खाजूवाला से खाजूवाला-छत्तरगढ़ बचाओं संघर्ष समिति के सैंकड़ों लोग बीकानेर पहुंच कर अपनी व्यथा को उनके समक्ष रखेंगे। इससे पूर्व भी दो बार मुख्यमंत्री को स्थिति से अवगत करवाया जा चुका है।