खाजूवाला, खाजूवाला पंचायत समिति के अन्र्तगत 31 ग्राम पंचायतें है। जिनमें सरकार द्वारा पूर्व में ग्राम पंचायतों के माध्यम से पेयजल भण्डारण के लिए डिग्गियों का निर्माण करवाया था। लेकिन इनमें से कुछ पंचायतों में तो डिग्गियों में पेयजल भण्डारण किया जा रहा है लेकिन कुछ पंचायतों में ऐसी डिग्गियों में आज तक पानी नहीं डाला गया। डाले तो कैसे ये डिग्गियां इनती घटिया सामग्री से बनी है कि इनमें पानी डालते ही पानी सुख जाता है। ऐसा ही मामला खाजूवाला ग्राम पंचायत में भी देखने को सामने आया।
खाजूवाला ग्राम पंचायत में शमसान भूमि के पास पेयजल भण्डारण के लिए पंचायत द्वारा एक बड़ी डिग्गी का निर्माण आज से 7-8 वर्ष पूर्व करवाया गया था लेकिन इस डिग्गी में पेयजल भण्डारण नहीं किया जाता है। क्योंकि यह डिग्गी पानी डालने के लिए फिट नहीं है। एक-दो बार इसमें पानी डालने का प्रयास किया गया था लेकिन पानी इसमें टिक ही नहीं पाया। पानी डालते ही साईड की दीवारें टूट गई वहीं बैड भी टूट गया। क्षेत्र में ऐसी डिग्गियां बहुत सी है। जिनका निर्माण सरकार द्वारा भारी बजट देकर करवाया जाता है। लेकिन भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ी डिग्गियां किसी के काम नहीं आती है।
क्षेत्र में हर पंचायत में ऐसी डिग्गियों का निर्माण हो रखा है। जिनमें से कुछ पंचायतों में तो डिग्गियों में पेयजल भण्डारण सही हो रहा है लेकिन बहुत सी जगह डिग्गियां जर-जर पड़ी है। वहीं निर्माण के बाद भी इन डिग्गियों पर लाखों रुपए के बजट मरम्मत के नाम पर भी उठाए जाते है। अगर यह डिग्गियों सही हो जाए तो नहर बन्दी के समय में इन डिग्गियों को बढिय़ा तरीके से उपयोग लिया जा सकता है। 60 दिनों ही नहर बन्दी 10 अप्रेल से शुरू होने वाली जिसके बाद 60 दिनों के बाद ही पानी नहरों में आएगा। पिछले साल क्षेत्र में नहरबन्दी के दौरान पानी समाप्त हो गया था। क्षेत्र की डिग्गियां भी सुख गई थी। अगर ऐसे हाल इस बार भी नहरबन्दी में हो जाते है तो स्थिति भयावह हो सकती है।