पीबीएम अस्पताल की लाइफ सेविंग मेडिकल स्टोर में हृदयरोग से संबंधित एंजियोग्राफी किट्स खरीद व बिक्री में गड़बड़ी


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बीकानेर, पीबीएम अस्पताल में आठ साल पहले की गयी थी ये गड़बड़ी, मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी से संबंधित लाइफ सेविंग मेडिकल स्टोर में एंजियोग्राफी किट्स बिक्री में लाखों रुपए के गबन के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने दो बाबूओं को गिरफ्तार किया। दोनों बाबुओं को एसीबी कोर्ट में पेश किया गया, व उन्हें जेल भेज दिया है।

एसीबी के एएसपी रजनीश कुमार पूनिया ने बताया कि एंजियोग्राफी किट्ट बिक्री घोटाले में पीबीएम अस्पताल के कनिष्ठ लिपिक प्रवीण कच्छावा एवं कनिष्ठ लिपि मालूसिंह को सोमवार देर रात को पुलिस निरीक्षक अनिल शर्मा ने गिरफ्तार किया। आरोपियों को मंगलवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया है।

गड़बड़ी की प्रक्रिया :-

एएसपी पूनिया ने बताया कि कम्प्यूटर बिल में एंजियोग्राफी किट्स का वर्णन करते हुए ५५०० रुपए की राशि का उल्लेख कर संबंधित मरीज व उसके परिजनों को उपलब्ध कराया गया जबकि उसकी नंबर का मैन्वल बिल कम राशि का जारी किया गया। लाइफ सेविंग स्टोर की लेखा शाखा में मैन्वल बिल के आधार पर बनने वाली राशि की दैनिक सेल रिपोर्ट बना कर, उसके आधार पर बनने वाली राशि लाइफ सेविंग के बैंक खाते में जमा करवाई। इस तरह गड़बड़ी कर करीब ५५ लाख ५९ हजार ७१६ की आर्थिक क्षति पहुंचाई। एएसपी पूनिया ने बताया कि आरोपी कनिष्ठ लिपिकों ने पीबीएम अस्पताल अधीक्षक को प्रार्थना-पत्र देकर गबन की राशि जमा कराने का निवेदन किया था। कनिष्ठ लिपिक प्रवीण कच्छावा ने २६ मार्च-१२ को १२ लाख एवं दो अप्रेल-१२ को ५० हजार रुपए तथा आरोपी कनिष्ठ लिपिक मालूसिंह ने पांच अप्रेल-१२ को पांच लाख रुपए, सात अप्रेल-१२ को तीन लाख रुपए एवं नौ अप्रेल-१२ को साढ़े छह लाख रुपए लाइफ सेविंग मेडिकल रिलीफ सोसायटी के खाते में जमा करवाए जो जांच में प्रमाणित हो गए। जिस पर ब्यूरो में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान किया गया। जांच में सामने आया कि मार्च-२०१० से मार्च २०१२ तक लाइफ सेविंग मेडिकल स्टोर में हृदय रोग से संबंधित एंजियोग्राफी किट्स की बिक्री कर कम्पयूर कार्मिकों ने कम्प्यूटराइज्ड एवं मैनुअल दोनों प्रकार की रसीदें जारी की थी।