उप मुख्यमंत्री- लॉकडाउन के बाद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जायेगा


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जयपुर, कोरोना महामारी के प्रकोप की वजह से देशभर में लॉकडाउन किया गया था। जिसका चौथा चरण जारी है। इतने लम्बे समय लॉकडाउन की वजह से पुरे देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गयी है। जिसका असर ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर बड़े-बड़े उद्योगों तक देखने को मिल रहा है। इसी के चलते उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सभी जिला परिषदें के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को कोरोना वैश्विक महामारी के कारण जारी लॉकडाउन की समाप्ति के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत क्रियान्वित किये जा रहे कार्यों में तेजी लाने एवं कार्यकुशलता बढ़ाने के निर्देश दिये हैं।

पायलट गुरूवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये समीक्षा बैठक ले रहे थे।

ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं के तहत कार्यों की क्रियान्विति बढ़ाने से स्थानीय निवासियों को काम मिलेगा, ठेकेदारों को रोजगार उपलब्ध होगा, सामग्री आपूर्तिकर्ताओं का व्यवसाय बढ़ेगा तथा अन्य संबंधित गतिविधियां प्रारम्भ होगी जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा कोरोना संकट के कारण परेशानी झेल रहे लोगों में पुनः विश्वास कायम होगा तथा उन्हें आर्थिक सम्बल मिलेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की समीक्षा करते हुए पायलट ने कहा कि आवास स्वीकृति के समय ही लाभार्थी को मनरेगा के तहत 90 कार्य दिवस की मस्टररोल आवश्यक रूप से जारी करें जिससे कि लाभार्थी को मनरेगा के तहत 90 मानव दिवसों द्वारा 19,800 रूपये का पूर्ण लाभ मिल सकें।

पायलट ने लॉकडाउन के कारण रोजगार के अभाव में विभिन्न प्रदेशों से लौटे प्रवासी श्रमिकों के जॉब कार्ड जारी करने के लिए सरलीकृत प्रक्रिया अपनायी जाकर अविलम्ब जॉब कार्ड जारी कर रोजगार उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। साथ ही मनरेगा के कार्यों पर मेट लगाने के लिए रोटेशन एवं रोस्टर प्रक्रिया अपनाने तथा निर्धारित अनुपात में महिला मेट लगाने के निर्देश भी दिए।