आरक्षण के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को परिवर्तन करने की मांग राष्ट्रपति से की


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खाजूवाला, राजस्थान शिक्षक संघ अम्बेडकर शाखा खाजूवाला ने राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी को सौंपकर आरक्षण के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को परिवर्तन करने की मांग की है।
ब्लॉक अध्यक्ष सावण खां पडि़हार व ब्लॉक मंत्री सुमित्रा सार्दुल ने बताया कि भारत में निर्धन सामान्य वर्ग, पिछड़ो अति अनुसूचित जाति व जन जातियों की दशा सुधारने व समुचित के लिए सार्वजनिक सेवाओं नियुक्तियों में संविधान के अनुच्छेद 15(४), 16 (४), 16 (क) व 16 (ख) के तहत नौकरियों व पदोन्नितियों में इनकी भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु आरक्षण का प्रावधान किया गया था। लेकिन हाल ही में उतराखण्ड राज्य के पदोन्नति में आरक्षण के एक मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के एक असंवैधानिक फैसले में कहा गया कि सार्वजनिक सेवाओं नियुक्तियों व पदोन्नतियों में आरक्ष मौलिक अधिकार नहीं है और राज्य सरकारों द्वारा आरक्षण देना राज्यों का संवैधानिक कत्र्तव्य नहीं है। इस असंवैधानिक फैसले में राजस्थान के साथ-साथ सम्पूर्ण भारत वर्ष में आरक्षित वर्ग में भय व भारी आक्रोष व्याप्त हुआ है। खाजूवाला में राजस्थान शिक्षक संघ अम्बेडकर शाखा ने राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपकर इस मामले में हस्तक्षेप कर फैसले को परिवर्तन करने की मांग की है।