R.खबर ब्यूरो। जोधपुर में साइबर ठगी का बड़ा मामला सामने आय़ा है। इसमें साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड BPCL अधिकारी से 1 करोड़ 84 लाख रुपए की ठगी की है। राजस्थान में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से बढोतरी देखी जा रही है। साइबर ठगों ने देशभक्ति और सहयोग के नाम पर 11 चेक के जरिए ठगी की। ठगों ने अधिकारी को पहले तो देशभक्त होने का झांसा दिया। फिर उनसे कहा कि वह हमारी कार्रवाई में सहयोग करने की अपील की। साथ ही परिवार की जान को खतरे में बताकर उन्हें धमकाया भी।
ठगी का शिकार होने के बाद रिटायर्ड BPCL अधिकारी नरेश कुमार बैरवा ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने बताया कि वह 2020 में हिंदुस्तान पेट्रोलियम में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट मैनेजर के पद से रिटायर हुए थे। स्वास्थ्य के चलते उन्होंने रिटायरमेंट लिया था।
उन्होंने पुलिस को बताया कि वह रिटायरमेंट के बाद से जोधपुर में वह किराए के मकान में रहकर अपनी दवा करा रहे थे। ठगों ने रिटायरमेंट फंड और पेंशन के नाम पर 1 करोड़ 84 लाख रुपए उड़ा लिए है। बैरवा ने बताया कि पहली कॉल उन्हें 25 नवंबर को रिसीव हुई थी। ठगों ने उन्हें मनी लॉड्रिंग केस के तहत पूरे एक दिन डिजिटल अरेस्ट कर रखा था। इस दौरान उनसे पर्सनल जानकारी हासिल की थी।
इतना ही नहीं ठगों ने उनसे कहा था कि आपकी जान को खतरा है। अगर आप जेल चले गए तो कई बड़े लोग इस मामले से जुड़े हैं, जो आपके परिवार की जान ले लेंगे। ऐसे में बैरवा बहुत ज्यादा डर गए और जैसा ठग कहते रहे वैसा करते चले गए। इसके बाद 26 नवंबर की सुबह ठगों ने सीबीआई ऑफिसर बनकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस कहकर उनको डराया था।
ठगों ने उन्हें रिजर्व बैंक के नाम से एक फॉर्म भी भेजा था, जिस पर उनसे हस्ताक्षर भी कराए गए थे। इसमें यह लिखवाया गया कि यदि इसमें बैरवा का इंवॉल्वमेंट नहीं होता है, तो उनकी पूरी जमा पूंजी 24 घंटे में वापिस कर दी जाएगी। अगले 3 दिन ठगों ने बैरवा से अलग-अलग राशि के 11 चेक बनवाए। इसमें 1 करोड़ 84 लाख 50 हजार के चेक थे। ये चेक जमा कराने वे घर के 2 किमी दूर एसबीआई बैंक गए थे।
ठगों की बात के मुताबिक 24 घंटे बाद उनका रुपया रिटर्न होना था। जब बैरवा ने नंबर पर कॉल कर जब रुपए मांगे, तो ठगों ने उन्हें धमकाया और कहा आपको अपने भाई के नंबर भी देने पड़ेंगे, जिसके बाद उन्होंने भाई के नंबर भी शेयर किए थे।
ठगों ने बैरवा के भाई को भी ठगने की पूरी कोशिश की। ठगों ने कॉल में उनके भाइयों से कहा कि आपका भाई मुसीबत में फंस गया है। जल्दी नजदीकी थाने जा कर मदद कीजिए। ऐसे में बैरवा के भाई उनके झांसे में नहीं आए और फोन रख दिया। इसके बाद बैरवा से बात हुई तो पूरे मामले खुला। जिसके बाद भाइयों ने जाकर मामला दर्ज करवाया।