बीकानेर। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि प्रत्येक पर्यटक को होटल में प्रवेश से पहले स्क्रीनिंग से गुजरना होगा। कोरोना वायरस के संभावित खतरे के मद्देनजर जिला कलक्टर ने बुधवार को राजीव गांधी सेवा केन्द्र में इस सम्बंध में बैठक आयोजित कर दिशा निर्देश दिए।
गौतम ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, पीबीएम अस्पताल, होटल व्यवसायी और पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि जो भी विदेशी पर्यटक बीकानेर आता है, उनके आने की सूचना होटल मालिक चिकित्सा विभाग को तुरंत दे ताकि सभी पर्यटकों की स्क्रिनिंग करने के बाद ही होटल में प्रवेश दिया जा सके और इस वायरस के आगे फैलने की संभावना को रोका जा सके। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने जिले में कोरोना वायरस की आशंका के मद्देनजर जिले में चिकित्सा व्यवस्था चाक-चैबंद रखने के निर्देश देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि जैसे ही होटल से सूचना मिले, चिकित्सा दल तुरंत होटल पहुंचे। इसके लिए उन्होंने पर्याप्त संख्या में चिकित्सक दल गठन करने के निर्देश दिए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व होटल, पर्यटक विभाग को समन्वय के साथ कार्य करने पर जोर देते हुए कहा कि जिले में कोरोना वायरस के संबंध में विशेष सर्तकता बरती जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग सभी होटलों के डाईनिंग हाॅल तथा स्वागत कक्ष में कोरोना वायरस के संबंध जारी गाइड लाईन के पोस्टर लगाएं जाए। उन्होंने जिले में संदिग्ध मरीज के प्रवेश से लेकर भ्रमण किए विभिन्न स्थनों पर चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग की रेपिड रेस्पोंस टीम भेजकर स्क्रीनिंग के निर्देश दिए। साथ ही ठहरने व भ्रमण किए गए समस्त स्थल संक्रमण रहित बनवाएं जाएं। जिला कलक्टर ने बताया कि 22 फरवरी को होटल गजकेसरी में इटालियन पर्यटक ठहरे थे, इस दौरान इस होटल के 43 कार्मिक कार्यरत थे, उन सभी कार्मिकांे के स्वास्थ्य पर नजर रखते हुए उनकी जांच करवाई जाए। साथ ही उन्हें अपने घर में 14 दिन तक एकान्तवास में रखा जाए तथा इनकी हर तीन दिन में मेडिकल टीम के द्वारा जांच करवाई जाए। रोग के लक्षण पाये जाने पर जंाच कर, पीबीएम के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया जाए। उन्होंने मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य से कहा कि सर्दी, जुकाम व खांसी के रोगियों के लिए पीबीएम में अलग से आउटडोर सेवाएं शुरू की जाए।
पर्यटन स्थलों पर चिकित्सक दल लगाए जाए- जिला कलक्टर ने जिले के पर्यटक स्थलों पर चिकित्सक दल लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जूनागढ़, लालगढ़, देशनोक, प्रसिद्ध हवेलियों सहित ऐसे सभी स्थानों पर चिकित्सक नियुक्त हो, जहां पर्यटक अधिक संख्या में पहंुचते हैं।
जिला कलक्टर ने कहा कि विदेश से आने वाले यात्रियों में अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस का संदिग्ध लगे तो उन्हें स्वामी केशवानन्द कृषि विश्व विद्यालय के रेस्ट हाउस में ठहराया जाए। यहां पर चिकित्सक टीम निरन्तर निगरानी रखेगी। उन्होंने कोरोना वायरस केे संबंध में चिकित्सकों, एनएनएम, आशा सहयोगिनियों को प्रशिक्षण देने तथा भारत सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन को फोलो करने के दिशा निर्देश दिए।
घबराएं नहीं, रखें बचाव
जिला कलक्टर ने कहा कि कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। सिर्फ छोटी-छोटी जानकारी और सावधानी रखने पर इससे बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसका अभी तक कोई उपचार नहीं है। बचाव ही उपचार है। कोरोना वायरस ज्यादातर मामलों में एक-दूसरे को छूने से फैलता है। कोरोना वायरस का पता लगने पर मरीजों को अलग रखा जाता है। उन्होंने बताया कि कोरोना आमतौर पर बच्चों को प्रभावित नहीं करता है। जिन लोगों की उम्र 58 वर्ष से ज्यादा होती है, कोरोना का असर ऐसे बुजुर्गों पर ज्यादा होता है। उन्होंने बताया कि हर खांसी, जुकाम कोरोना वायरस नहीं हो सकता है। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) सुनीता चैधरी, प्राचार्य सरदार पटेल मेडिकल काॅलेज डाॅ. जी.एल.मीना, अधीक्षक पीबीएम डाॅ. पी.के. बेरवाल, संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डाॅ. देवेन्द्र चैधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बी.एल. मीना, पीबीएम अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ. सुरेन्द्र वर्मा सहित पर्यटन विभाग के अधिकारी, होटल व्यवसायी उपस्थित थे।